Bihar Politics News: राजद प्रमुख लालू यादव के नीतीश कुमार के प्रति हमदर्दी के निकाले जा रहे हैं सियासी मायने, क्या बिहार में सच खेला होना अभी बाकी!

By एस पी सिन्हा | Published: February 17, 2024 04:10 PM2024-02-17T16:10:18+5:302024-02-17T16:12:59+5:30

Bihar Politics News: तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि हमें चाहे कितनी भी कुर्बानी देनी पड़े, पर हम लोगों को नीतीश जी को साथ लेकर चलना है और 2024 में भाजपा और मोदी जी को सत्ता से बेदखल करके रहेंगे।

Bihar Politics News RJD chief Lalu Prasad Yadav's sympathy towards Nitish Kumar is being used for political purposes, is the truth yet to be played in Bihar? | Bihar Politics News: राजद प्रमुख लालू यादव के नीतीश कुमार के प्रति हमदर्दी के निकाले जा रहे हैं सियासी मायने, क्या बिहार में सच खेला होना अभी बाकी!

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Highlightsपर्दा डालते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि अब वह कहीं जाने वाले नहीं हैं। लालू और तेजस्वी यादव के बयानों के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। बिहार के सियासी लड़ाई में केवल भाजपा और जदयू ही आमने-सामने होंगे।

Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए के साथ आने के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बयान पर एक बार फिर से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल, शुक्रवार को लालू यादव ने कहा था कि नीतीश के लिए उनके घर के दरवाजे अभी भी खुले हैं। वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि हमें चाहे कितनी भी कुर्बानी देनी पड़े, पर हम लोगों को नीतीश जी को साथ लेकर चलना है और 2024 में भाजपा और मोदी जी को सत्ता से बेदखल करके रहेंगे। हालांकि इन बयानों पर पर्दा डालते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि अब वह कहीं जाने वाले नहीं हैं। बावजूद इसके लालू और तेजस्वी के बयानों के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। सरकार से बाहर निकलने के बाद अब लालू यादव और तेजस्वी यादव के मन में नीतीश कुमार प्रति अचानक उमड़े प्रेम से यह सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में सच खेला होना अभी बाकी है अथवा बयानों के कुछ और मायने हैं?

वोट दिया जाए तो कभी भी कहीं पलटी मार सकते

सियासत के जानकारों की मानें तो वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विश्वसनीयता अब तो हमेशा संदेह के घेरे में रहेगी। इसका कारण यह है कि नीतीश कुमार कब किधर पलटी मार दें, यह दावा कोई नहीं कर सकता। लेकिन अभी हाल फिलहाल में ऐसी कोई संभावना दिखाई नही देती है। ऐसे में लालू और तेजस्वी के बयानों का मतलब यह भी हो सकता है कि नीतीश कुमार की बची खुची साख भी मीठा-मीठा बोलकर गिरा दी जाए ताकि बिहार की जनता का विश्वास इनपर से पूरी तरह उठ जाए। जनता के बीच ऐसा संदेश दिया जाए कि अगर उन्हें वोट दिया जाए तो कभी भी कहीं पलटी मार सकते हैं।

अगर यह संवाद जनता के बीच फैला दिया जाए तो नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी और जनता इनपर कभी विश्वास नही करेगी। ऐसे में नीतीश कुमार को पर्दे से हटाने में मदद मिलेगी और बिहार के सियासी लड़ाई में केवल भाजपा और जदयू ही आमने-सामने होंगे।

नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर हमला बोल रहे थे

जानकारों की मानें तो शायद यही कारण है कि इस बार सत्ता से बेदखल होने के बावजूद लालू परिवार अथवा राजद के नेता नीतीश कुमार पर ज्यादा हमलावर नहीं दिख रहे हैं। जबकि 2017 में नीतीश कुमार के पलटी मारने के बाद लालू यादव और तेजस्वी यादव के अलावे राजद के कार्यकर्ता और नेता नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर हमला बोल रहे थे।

लेकिन वैसी स्थिति इस बार दिखाई नहीं दे रही है। सभी नेता सधा हुआ बयान दे रहे हैं। ऐसे में सियासत के जानकार बताते हैं कि लालू यादव अब नीतीश कुमार पर मीठा-मीठा बोलकर जनता के बीच इनकी साख को पूरी तरह से समाप्त कर देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में लालू यादव के द्वारा अथवा तेजस्वी यादव के द्वारा सधा हुआ बयान दिया जा रहा है।

विभागों की समीक्षा करने का आदेश जारी कर दिया

दूसरा पक्ष यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वासमत वाले दिन विधानसभा में कहा था कि आप लोगों ने जो गड़बड़ किया है, उसकी जांच होगी और कोई बचने वाला नहीं है। जिसके बाद बिहार सरकार ने नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए महागठबंधन सरकार के समय तेजस्वी सहित राजद के पास रहें विभागों की समीक्षा करने का आदेश जारी कर दिया है।

ऐसे में संभव है कि लालू परिवार नीतीश कुमार के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए होने वाले कार्रवाई को भी टालना चाहता हो। मामला चाहे जो भी हो लेकिन राजद नीतीश कुमार के प्रति इस बार ज्यादा हमलावर नहीं दिखाई दे रही है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला होने का ऐलान किए जाने पर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मजेदार अंदाज में जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है, उसपर ध्यान मत दीजिए। भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम पक्ष और विपक्ष में रहते हुए एक दूसरे का सम्मान करते रहते हैं। विधानसभा मे मुलाकात होने के दौरान भी हमने उनका अभिवादन किया, पर इसका मतलब ये नहीं है कि हम उनके साथ आ रहे हैं।

विपक्षी गठबंधन का इंडिया नाम के पक्ष में नहीं थे

महागठबंधन से अलग होने के बाद ही हमने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह कहीं आने-जाने वाले नहीं हैं। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी से इंडिया गठबंधन से अलग होने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो बड़ी कोशिश किए थे। वह विपक्षी गठबंधन का इंडिया नाम के पक्ष में नहीं थे। वो कोई दूसरा नाम देना चाहते थे।

लेकिन वो लोग नाराज हो रहे थे। अब वहां क्या हो रहा है? कौन आ रहा और कौन जा रहा है? इससे अब हमको ज्यादा मतलब नहीं है। राहुल गांधी द्वारा लगातार जातीय गणना की चर्चा करने और क्रेडिट लेने के सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि उनके बयान का कोई मतलब नहीं है। बिहार मे जातीय गणना किसने करवाई? ये बाते सभी लोग जानते हैं।

जदयू विधायकों की जांच और कार्रवाई के सवाल को नीतीश कुमार टाल गए

हम तो शुरू से कह रहे हैं कि जातिगत गणना  मेरा किया हुआ है। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के 400 पर वाली गारंटी को लेकर कहा कि इस बार एनडीए पिछली बार से ज्यादा सीट जीतेगी। प्रधानमंत्री ने बिल्कुल ठीक कहा है। नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने शराबबंदी किया था और अब उनके जाने के बाद हम उनके रास्ते पर चलकर फिर से शराबबंदी कर चुके हैं और कितना अच्छा काम हो रहा है। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार और विश्वासमत के दौरान सदन से गायब रहने वाले जदयू विधायकों की जांच और कार्रवाई के सवाल को नीतीश कुमार टाल गए।

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल मे उनके अलावा 8 मंत्री हैं और वे लोग काम कर ही रहे हैं और समय आने पर मंत्रिमंडल विस्तार भी हो ही जायेगा। उधर, राजद कोटे के मंत्रियों के विभाग की जांच कराने के आदेश पर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर कहीं कुछ गड़बड़ी होगी तो उसकी जांच जरूरी है।

उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर अगर गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होगी। चाहे वो किसी का विभाग रहा हो। हम लोग काम करते हैं, जो गड़बड़ होता है तो उसका जांच करवाया ही जाता है। इसमें कहां कोई अलग बात है। यदि गलत किया होगा तभी तो डर होगा।

English summary :
Bihar Politics News RJD chief Lalu Prasad Yadav's sympathy towards Nitish Kumar is being used for political purposes, is the truth yet to be played in Bihar?


Web Title: Bihar Politics News RJD chief Lalu Prasad Yadav's sympathy towards Nitish Kumar is being used for political purposes, is the truth yet to be played in Bihar?

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