Bihar: मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा के भोज को लेकर गरमा रही बिहार की सियासत, चिराग के यहां से बगैर खाये लौटे नीतीश कुमार
By एस पी सिन्हा | Updated: January 14, 2025 15:21 IST2025-01-14T15:21:38+5:302025-01-14T15:21:38+5:30
लोजपा(रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान की ओर से आयोजित दही- चूड़ा की भोज में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना कुछ खाये ही लौट गए।

Bihar: मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा के भोज को लेकर गरमा रही बिहार की सियासत, चिराग के यहां से बगैर खाये लौटे नीतीश कुमार
पटना: बिहार में दही-चूड़ा की भोज को लेकर सियासी गलियारे में गहमागहमी देखी गई। प्रायः: सभी दलों-नेताओं की ओर से मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा के भोज का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में लोजपा(रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान की ओर से आयोजित दही- चूड़ा की भोज में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिना कुछ खाये ही लौट गए। दरअसल, मंत्री रत्नेश सदा के घर से मुख्यमंत्री सीधा लोजपा(रा) कार्यालय पहुंचे। चिराग पासवान के आने के पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वहां पहुंचने से कार्यकर्ताओं के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
लोजपा(रा) के प्रदेश कार्यालय में उस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ही मौजूद थे। नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान के चलचित्र पर पुष्प अर्पित की और वहां से निकल गये। बताया जाता है कि लोजपा(रा) को यह सूचना मिली थी कि मुख्यमंत्री का आगमन 12 बजे होगा। पार्टी के लोग इस तैयारी में थे कि मुख्यमंत्री लोजपारा) के कार्यालय 1 व्हीलर रोड 12 बजे आएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस तरह अचानक टाइम से पहले पहुंचने को लेकर लोग हैरान रह गए।
चिराग पासवान कार्यालय पहुंचते तब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचकर निकल भी गए। चिराग पासवान से मुलाकात नहीं हो पाई। हालांकि, लोजपा(रा) के कार्यालय में नीतीश कुमार ने दिवंगत रामविलास पासवान के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। नीतीश कुमार के साथ मंत्री विजय चौधरी पहुंचे और रामविलास को नमन किया।
दूसरी ओर राजद प्रमुख लालू यादव ने भी राबड़ी आवास पर दही चूड़ा भोज का आयोजन किया था। हालांकि, इस कार्यक्रम में लालू ने सिर्फ अपनी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया था। लालू यादव ने देशवासियों को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और इस पर्व को सामाजिक सद्भाव व भाईचारे का प्रतीक बताया।
उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि हमारी संस्कृति में ये त्योहार मिलजुल कर मनाने का संदेश देता है। यही भारतीयता की पहचान है। मीडियाकर्मियों ने भी इस विशेष भोज का आनंद लिया। वहीं, भाजपा कार्यालय में भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था। इसमें एनडीए के सभी नेताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
बता दें कि बिहार में मकर संक्रांति पर नेताओं की ओर से दही चूड़ा भोज का आयोजन करने की प्रथा है। दही-चूड़ा की सियासत शतरंज के किसी चाल से कम नहीं होती। इस कार्यक्रम के जरिए सालों पुराने गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं तो कई बार नाराजगी भी सामने आ जाती है।