Bihar Political Crisis live: राजनीति में दरवाजे कभी भी बंद नहीं होते, भाजपा नीत खेमे में लौट सकते हैं नीतीश, बीजेपी नेता मोदी ने कहा
By एस पी सिन्हा | Published: January 26, 2024 04:01 PM2024-01-26T16:01:22+5:302024-01-26T16:27:56+5:30
Bihar Political Crisis live: जहां तक नीतीश कुमार या जद (यू) का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं।
Bihar Political Crisis live: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को कहा कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे कभी भी स्थायी रूप से बंद नहीं होते हैं। उनकी यह टिप्पणी इन संकेतों के बीच आई है कि ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों के साथ समीकरण खराब होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सहयोगी भाजपा नीत खेमे में लौट सकते हैं। भाजपा और जद (यू) दोनों दलों के सूत्रों ने ऐसी संभावना जतायी है लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अपनी पार्टी के निर्विवाद नेता नीतीश कुमार ने भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ किसी समझौते को अंतिम रूप दिया है या नहीं। सुशील मोदी ने संवाददाताओं से कहा, "जहां तक नीतीश कुमार या जद (यू) का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं।
#WATCH | On the current political situation in Bihar, BJP MP and former Bihar Dy CM Sushil Kumar Modi says, "We are keeping an eye on all the developments and if needed an appropriate decision will be taken. No door is permanently closed in politics and the door can be opened if… pic.twitter.com/K1XJsec0lD
— ANI (@ANI) January 26, 2024
समय आने पर बंद दरवाजे खुलते हैं लेकिन दरवाजे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है।" नीतीश कुमार द्वारा 2022 में भाजपा से अपना नाता तोड़ने के बाद, भाजपा के नेतागण कहते रहे हैं कि कुमार के लिए उनकी पार्टी के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। लेकिन हाल में भाजपा नेताओं के बयानों में नरमी दिख रही है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकारों में सुशील मोदी लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा-जद(यू) गठबंधन के सत्ता में आने पर उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था। सुशील मोदी इस बार भाजपा के शीर्ष नेताओं की बातचीत में शामिल रहे हैं, जो संकेत है कि अगर दोनों दल फिर से एक साथ आते हैं तो अनुभवी सुशील मोदी को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा राज्य के घटनाक्रम को लेकर चिराग पासवान और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित बिहार में अपने सहयोगियों के संपर्क में है।
लेकिन उन्हें नीतीश कुमार की वापसी की संभावना के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। एक सहयोगी ने कहा कि भाजपा ने इसे खारिज नहीं किया है और न ही स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट है कि नीतीश कुमार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी के लिए जमीन तैयार की जा रही है।"
भाजपा सूत्रों ने कहा कि जद (यू) के उनके गठबंधन में शामिल होने से यह सुनिश्चित होगा कि राजग बिहार में लोकसभा चुनाव में भारी जीत हासिल करेगा। साल 2019 के आम चुनाव में राजग ने बिहार की 40 में से 39 सीट पर जीत हासिल की थी।
इस बीच, बिहार में भाजपा नेताओं का एक वर्ग नीतीश कुमार के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक नहीं है। ऐसे नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री का प्रभाव कम हो रहा है और उनकी ‘घटती विश्वसनीयता’ भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।