पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा परिवारवाद को लेकर दिए गए बयान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को असली समाजवादी कहे जाने के बाद सूबे की सियासत गर्मा गई है. इस तारीफ से एक ओर जहां जदयू गदगद है तो वहीं राजद को यह तारीफ सुई की तरह चुभी है.
पूर्व सांसद और राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार को लेकर विवादित बयान दिया है. शिवानंद तिवारी ने कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार महात्मा की बात करते है. आज गांधी को गाली दी जा रही है पर वो चुप है. यह राजनीति की नपुंसकता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के परिवार में है ही कौन? उनका अकेला बेटा है.
दुर्भाग्य है कि उनकी पत्नी नहीं हैं. शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार को बेटा भी बहुत इंतजार के बाद हुआ था, उसे भी मैं अपने ही बेटे की तरह मानता हूं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के बेटे ने राजनीति में आने से साफ इंकार कर दिया है, ऐसे में नीतीश जी को अपने बेटे का एहसानमंद होना चाहिए कि उनके बेटे ने राजनीति से संन्यास ले लिया है और वो इसलिए ही परिवारवाद के आरोप से बच गए हैं.
साथ ही शिवानन्द तिवारी ने कहा कि तेजस्वी ने चुनाव में जो मुद्दा उठाया वो सराहनीय है. सभी दलों को चुनाव में इसी मुद्दे पर आना पड़ा. आज बेरोजगारी की समस्या ज्वालामुखी की तरह है. इस विषय को बढ़ाकर ही राजनीति की जानी चाहिए. तेजस्वी को आगे बढ़कर बिहार में आंदोलन चलाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि एक साक्षात्कार के दौरान प्रधानमंत्री ने समाजवादी नेताओं राम मनहोर लोहिया और जार्ज फर्नांडीस का भी उल्लेख किया. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उदाहरण देते हुए कहा कि वो भी समाजवादी नेता हैं. नीतीश बाबू की राजनीति में परिवारवाद नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि जब वो नकली समाजवाद कहते हैं, तो यह ‘परिवारवाद’ है.