बिहार विधानसभा उप चुनाव के प्रचार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे दूर-दूर, निकाले जा रहे हैं कई सियासी मायने

By एस पी सिन्हा | Published: November 1, 2022 03:02 PM2022-11-01T15:02:05+5:302022-11-01T15:02:05+5:30

बिहार विधानसभा की दो सीटों गोपालगंज और मोकामा में 3 नवंबर को मतदान है। इस उपचुनाव के प्रचार के लिए सीएम नीतीश कुमार सक्रिय नजर नहीं आए।

Bihar Nitish Kumar did not take part in campaign for Bihar Assembly by election amid many political speculations | बिहार विधानसभा उप चुनाव के प्रचार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे दूर-दूर, निकाले जा रहे हैं कई सियासी मायने

बिहार विधानसभा उप चुनाव के प्रचार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे दूर-दूर (फाइल फोटो)

पटना: बिहार विधानसभा की दो सीटों गोपालगंज और मोकामा के लिए 3 नवम्बर को उप चुनाव होना है।  इस दौरान एक ओर जहां उपुमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी कोई कोर कसर नही छोड़ी है। हालांकि इन सबके बीच नीतीश कुमार चुनाव प्रचार से दूर रहे। अब इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

वहीं, नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में शामिल नही होने पर ललन सिंह ने कहा कि वे स्वस्थ नहीं हैं तो कैसे जाते? भाजपा के प्रचार के लिए मोदी जी क्यों नहीं आ जाते हैं? ललन सिंह ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जो चिराग मॉडल का इस्तेमाल किया था, अब वह सतह पर आ गया है। चिराग के आने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। दोनों सीटों पर महागठबंधन की जीत होगी।  

उल्लेखनीय है कि मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव मैदान में हैं और गोपालगंज से महागठबंधन के उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता हैं। नीतीश कुमार दोनों में से किसी जगह पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए और उन्होंने पटना से ही संदेश जारी कर दोनों जगह के महागठबंधन के उम्मीदवार को जीताने की अपील जरूर की है। इसलिए इस उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से स्टार प्रचारक तेजस्वी यादव ही रहे। 

ऐसे में कहा जा रहा है कि महागठबंधन के उम्मीदवार जीतते हैं तो उसका सेहरा तेजस्वी के सिर सजेगा और हार होती है तो उसका ठीकरा भी उन्हीं पर फूटेगा। नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं जाने के अलग-अलग राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। 

गोपालगंज में दिलचस्प लड़ाई

गोपालगंज की लड़ाई इसलिए दिलचस्प मानी जा रही है क्योंकि वहां तेजस्वी यादव की सगे मामा यानी साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव मैदान में हैं। वह वोट में सेंध लगा सकती हैं। यहां की लड़ाई ज्यादा कठिन है क्योंकि यहां से पूर्व मंत्री दिवंगत सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी एनडीए की प्रत्याशी हैं। उन्हें सहानुभूति वोट मिल सकता है।

इस बीच, प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में नहीं जाने पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि दोनों जगह से महागठबंधन के उम्मीदवार हार रहे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार करने नहीं जा रहे हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर फेल है। अब बिहार की जनता नीतीश कुमार को पसंद नहीं कर रही है। दोनों जगहों से भाजपा के उम्मीदवार जीतेंगे।

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