बिहार: नीतीश कुमार ने राजद के कोटे से तीन मंत्रियों का विभाग बदला, शिक्षामंत्री चंद्रशेखर को पकड़ाया गन्ना मंत्रालय
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 21, 2024 09:26 AM2024-01-21T09:26:46+5:302024-01-21T09:31:18+5:30
नीतीश कुमार ने रामचरित मानस से लेकर राम मंदिर समारोह पर विवादित टिप्पणी करने वाले राजद कोटे के मंत्री चंद्रशेखर का मंत्रालय बदलते हुए उन्हें गन्ना मंत्रालय दे दिया है।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार रात अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया, जिसमें उनके सहयोगी दल राजद के तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिए गए। नीतीश कुमार की इस पूरी कवायद में सबसे चौंकाने वाला नाम शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का है।
शिक्षामंत्री चंद्रशेखर रामचरित मानस से लेकर राम मंदिर समारोह पर विवादित टिप्पणियों के कारण मीडिया के सुर्खियों में रहे। शिक्षा मंत्रालय में चंद्रशेखर कथित तौर पर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक के साथ झगड़े के कारण भी खासे चर्चा में रहे।
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर से शिक्षा मंत्री लेकर गन्ना उद्योग मंत्रालय का कामकाज पकड़ा दिया है। बिहार सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार नीतीश सरकार में गन्ना उद्योग और राजस्व एवं भूमि संसाधन विभाग संभाल रहे मंत्री आलोक मेहता को सूबे के नया शिक्षा मंत्री बनाया गया है।
वहीं मंत्री ललित कुमार यादव को राजस्व और भूमि संसाधन विभाग सौंपा गया, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग की अपनी मौजूदा जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।
जानकारी के अनुसार शनिवार को हुए इस फेरबदल से पहले दिन में नीतीश कुमार ने 21 राष्ट्रीय सदस्य पदाधिकारियों के साथ अपनी पार्टी की टीम में फेरबदल किया था। वहीं 19 जनवरी को राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनके छोटे बेटे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के साथ उनके आधिकारिक आवास, 1, अणे मार्ग पर करीब आधे घंटे बंद कमरे में बैठक की थी।
नीतीश और लालू के बीच हुई उस बैठक के बाद ही सत्ता के गलियारों में इस बात के कयास लग रहे थे कि बिहार के सत्ता की सियासत में एक बार फिर उलटफेर का खेल हो सकता है। हालांकि उस बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए यह स्पष्ट किया था कि जदयू और राजद के बीच गठबंधन मजबूत है और सरकार में सब कुछ ठीक है।
लेकिन यह बात स्पष्ट थी कि पूर्व शिक्षामंत्री और राजद विधायक चंद्रशेखर की बयानबाजी और विभागीय कार्यशैली से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहज नहीं थे। चन्द्रशेखर और शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव केके पाठके के बीच हुई तीखी नोंकझोंक के कारण नीतीश सरकार पर काफी सवाल उठे थे।
दोनों के बीच मनमुटाव इस कदर हो गया था कि चंद्रशेखर ने लंबे समय से शिक्षा विभाग की बैठकों में जाना बंद कर दिया था। इस बीच आईएएस केके पाठक भी छुट्टी पर चले गए थे। बताया जा रहा है कि केके पाठक की नाराजगी के कारण नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्रालय से चंद्रशेखर को रवाना कर दिया है।
चंद्रशेखर ने दो हफ्ते पहले राम मंदिर को मानसिक गुलामी का रास्ता बताया था, जिसके कारण काफी विवाद हुआ था। उसके अलावा उन्होंने हिंदू महाकाव्य रामचरितमानस की तुलना "साइनाइड" से करके भी नीतीश सरकार की खासी फजीहत करवाई थी।