पटनाः बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन आज पटना में अपनी मांगों को लेकर शारीरिक शिक्षक(फिजिकल टीचर) सड़क पर उतर गए। सचिवालय गेट के पास शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ की ओर से प्रदर्शन किया जाने लगा। वहीं पुलिस प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही थी। लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। महिलाओं को भी पुलिसकर्मी धकेलते हुए नजर आए। दरअसल, पटना में सचिवालय गेट के पास शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक संघ की तरफ से विरोध प्रदर्शन जा रहा था। लेकिन विधानसभा मानसून सत्र होने की वजह से इस इलाके में धारा 144 लागू है। लिहाजा यहां प्रदर्शन करने की अनुमति किसी को नहीं मिली हुई है।
इन्हीं बातों को समझा कर पुलिस की टीम इन शिक्षकों को रोक रही थी। लेकिन शिक्षक अपनी मांग को लेकर आगे बढ़ते जा रहे थे। वहीं जब प्रदर्शनकारी नहीं मानें तो पुलिस ने विरोध जता रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया। पुलिस की इस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। बताया जा रहा है कि फिजिकल टीचर्स शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के सेवा शर्त और वेतनमान में सुधार की मांग कर रहे हैं। इनका वेतन 8000 रुपए है। जिसे बढ़ाने की मांग की जा रही है। इसके साथ ही स्थायी नौकरी की भी मांग कर रहे हैं।
वहीं, बिहार शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि सैलरी में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है। नियोजन नियमावली 2012 के तहत शिक्षकों के वेतनमान में प्राथमिक शिक्षकों के लिए 5000 रुपए है। जबकि, माध्यमिक शिक्षकों के लिए 6000 रुपए है।
वहीं, शारीरिक शिक्षा अनुदेशक का वेतन 4000 रुपए तय किया गया था। इनका वर्तमान वेतन 8000 रुपए है, जो कि बहुत कम है। वहीं शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि नीतीश जी मात्र 8 हजार रुपए तनख्वाह देते हैं... इसमें ना घर का खर्चा चलता है ना कुछ, अब तो वाइफ(पत्नी) भी मायके भाग जाती है। मां-बाप भी साथ नहीं रहना चाहते हैं। कोई रहना चाहेगा साथ। हमलोग कंजूसी से रहते है।