मुख्यमंत्री आवास से अपहरण की डील?, राजद प्रमुख लालू यादव के साले सुभाष ने कहा-फिरौती में कितने पैसे लेने, मोहम्मद शहाबुद्दीन को फोन किया था...
By एस पी सिन्हा | Updated: February 13, 2025 17:17 IST2025-02-13T17:16:05+5:302025-02-13T17:17:56+5:30
Bihar News: सुभाष यादव ने कहा कि राजद शासनकाल में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते अपहरण और फिरौती की डील मुख्यमंत्री आवास से होती थी। लालू पूरी तरह से इस डील में शामिल रहते थे। फिरौती में कितने पैसे लेने हैं, ये भी वही तय करते थे।

file photo
पटना राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के छोटे भाई पूर्व सांसद सुभाष यादव ने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। उन्होंने न केवल लालू यादव बल्कि तेजस्वी और तेज प्रताप यादव पर भी सीधा निशाना साधा है। लेकिन राजद ने इसे सत्ता की साजिश करार दिया है। सुभाष यादव ने कहा कि राजद शासनकाल में लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते अपहरण और फिरौती की डील मुख्यमंत्री आवास से होती थी। लालू पूरी तरह से इस डील में शामिल रहते थे। फिरौती में कितने पैसे लेने हैं, ये भी वही तय करते थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में इसे लेकर बैठकें भी होती थीं। इसमें उनके करीबी नेता शामिल होते थे। सुभाष यादव ने एक अपहरण केस का जिक्र करते हुए बताया कि नेपाल से लोग आ रहे थे, तो बॉर्डर इलाके में एक अपहरण हुआ था। इसका आरोप जाकिर हुसैन पर लगा था। वो अभी भी जिंदा है।
इस मामले में मोहम्मद शहाबुद्दीन और लालू यादव ने फोन किया था और जाकिर हुसैन से उसे (अपहृत) छोड़ने को कहा था। लेकिन उसने ये अपहरण नहीं की थी। कोई दूसरा आदमी था। फिर शहाबुद्दीन और लालू यादव ने इसको लेकर बात किया। मुख्यमंत्री आवास में डील हुआ और फिर उसे व्यक्ति को सकुशल लौटाया गया।
सुभाष यादव ने कहा कि जब-जब लालू यादव बराबर अपने बेटे के बारे में बयान देते हैं और उसका हाल और बुरा हो जाता है। सुभाष यादव ने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राबड़ी देवी की इतनी पिटाई हुई थी कि तेजस्वी तो पेट में ही मर जाता। लेकिन आज ये लोग अपने मामा को पागल बता रहे हैं। मामा कितना सहा है, ये उनको नहीं मालूम।
तेजप्रताप ने अच्छे घर की लड़की को छोड़ दिया है, पागल है वो। सुभाष यादव ने दावा किया कि राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री हमने बनाया था क्योंकि उस वक्त कोई विधायक उन्हें मुख्यमंत्री मानने को तैयार नहीं था। सुभाष यादव ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के कारण सरकार बदनाम हुई। घोटाले किसने किए, यह किसी से छिपा नहीं है।
पार्टी फंड के लिए पैसा इकट्ठा इलियास हुसैन करते थे, लेकिन जेल में सड़ना उन्हें पड़ा और मजा ये लोग मारते रहे।सुभाष यादव ने तेजस्वी और तेज प्रताप की राजनीतिक क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनका कोई भविष्य नहीं है। दोनों को चुनाव में जिताने वाले चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा थे।
सुभाष यादव ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो तेजस्वी और तेज प्रताप अपनी मां को दोबारा मुख्यमंत्री बनाकर दिखाएं।" इधर, सुभाष यादव के बयान के बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। सुभाष यादव के बयान पर राजद की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि जिनका लालू परिवार से सालों पहले कोई संबंध नहीं रह गया था।
वे अचानक क्यों बयान दे रहे हैं? यह सत्ता प्रतिष्ठानों की साजिश है। लेकिन जनता सब समझती है और इसका जवाब देगी। उल्लेखनीय है कि चुनावी साल में सुभाष यादव का ये बयान राजद और तेजस्वी यादव की मुसीबत बढ़ा सकता है। सुभाष यादव ने ही लालू यादव के शासनकाल को जंगलराज साबित कर दिया है।
एनडीए इसे बड़ा मुद्दा बना सकता है। एनडीए पहले से ही तेजस्वी यादव को जंगलराज पर घेरते रहता है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा था कि 2005 से 2024 तक यानी 20 बरस के बाद अब पिता के बाद उनका बेटा भी जंगल राज की भाषा बोल रहा है।