बिहार में उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने जारी किए अहम निर्देश, जानें पूरी डिटेल
By एस पी सिन्हा | Published: April 14, 2023 03:22 PM2023-04-14T15:22:06+5:302023-04-14T15:22:28+5:30
पटना: बिहार में राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के फौरन बाद से राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार में उच्च शिक्षा को लेकर कई अहम फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। वह लगातार मानिटरिंग कर उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव की ओर कदम बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं। बता दें कि राज्यपाल बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं, ऐसे में उनका योगदान काफी होता है।
इसी कड़ी में अब राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार के विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक कोर्स 2023- 2027 की पढ़ाई इसी साल से शुरू करने का निर्णय लिया है। बताया जाता है कि चार साल की स्नातक डिग्री में विद्यार्थी को आठ सेमेस्टर उत्तीर्ण करने होंगे। राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने गुरुवार को सभी कुलपति और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए।
राजभवन से जारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश के अधिकतर महाविद्यालयों में तीन वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम वार्षिक पद्धति से चलाए जा रहे हैं। लेकिन अब यह चार वर्षीय होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के बाद यह निर्णय किया गया है। बयान के मुताबिक सीबीसीएस और सेमेस्टर प्रणाली के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र (2023-27) से शुरू किए जाएंगे। इसमें कहा गया है कि कोर्स की संरचना एवं प्रथम वर्ष के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिये कमेटी गठित करने का भी निर्णय किया गया। अगले सत्र से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में केंद्रीकृत नामांकन होगा।
राजभवन इसके लिए टाइमलाइन जारी करेगा। पाठ्यक्रम की संरचना और प्रथम साल के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम तैयार किए जाने को ले कमेटी का गठन किया जाएगा। इस सत्र में विश्वविद्यालय स्तर पर ही नामांकन होगा, लेकिन सभी विश्वविद्यालय को एक ही समय पर सभी संबंधित कार्य संपन्न करने होंगे।
बैठक में एकेडमिक कैलेंडर बनाने का निर्णय हुआ। आधारभूत संरचना और सुविधाओं के आकलन आदि के संबंध में भी विमर्श हुआ। राज्यपाल ने यह निर्देश दिया कि सीबीसीएस समेस्टर सिस्टम लागू किए जाने को ले सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जाएं।