पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी विपक्षी एकता को लेकर पहल करना शुरू ही किया है कि उससे पहले उनके खुद का कुनबा उजड़ने लगा है। महागठबंधन में सहयोगी रही हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा(हम) ने अपनी राहें जुदा कर नीतीश कुमार को झटका दे दिया है।
मंत्री पद से संतोष सुमन के इस्तीफा देने के बाद जीतन राम मांझी की ओर से जो बयान आया है, उसमें नीतीश पर गंभीर आरोप लगाया गया है। मांझी ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार उनकी पार्टी को खत्म करना चाहते थे। दरअसल, पिछले सप्ताह ही नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की मुलाकात हुई थी। दोनों की बैठक के बाद मांझी ने अपना तल्ख रुख दिखाया था।
उन्होंने उसी दौरान संकेत दिया था कि वे कभी भी महागठबंधन से अलग हो सकते हैं। कयासों का दौर जारी ही था कि इस बीच मांझी के बेटे संतोष सुमन ने भी लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए सम्मानजनक सीटें देने की मांग छेड़ दी। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार चाहते थे कि जीतन राम मांझी को तभी लोकसभा चुनाव में सीटें देने का भरोसा दिया जाएगा, जब वे अपनी पार्टी का विलय जदयू में करेंगे।
लेकिन मांझी ने नीतीश की इस बात को अस्वीकार कर दिया और अब उनके बेटे ने इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी अब भाजपा के साथ जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा से मांझी की बात भी हो चुकी है। एनडीए में शामिल होने की शर्तों में मांझी को अगले लोकसभा चुनाव में सीटें देने सहित उन्हें या उनके बेटे को राज्यसभा भेजने की बातें शामिल है।
इसमें केंद्र में मंत्री बनाने की बात भी शामिल हो सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से ठोस आश्वासन मिलने के बाद ही मांझी ने नीतीश से किनारा करने का मन बनाया और उनके बेटे ने इस्तीफा दे दिया। इसबीच महागठबंधन छोड़ भाजपा के पाले में जाने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा है कि भाजपा ऐसा चाहती है तो उनका शुक्रिया।