राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की चाल और एनडीए को फायदा!, जानें भागलपुर, महाराजगंज, औरंगाबाद, पूर्णिया और नवादा सीट पर हाल
By एस पी सिन्हा | Published: April 11, 2024 05:05 PM2024-04-11T17:05:33+5:302024-04-11T17:08:10+5:30
Bihar LS polls 2024: वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने भाजपा के शाहनवाज हुसैन को परास्त किया था।
Bihar LS polls 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में महागठबंधन के द्वारा भले एनडीए को परास्त कर दिए जाने के दावे चुनावी मैदान में किए जा रहे हों, लेकिन महागठबंधन में हालात ये हैं कि हर सीट पर नाराजगी देखी जा रही है। बिहार के 40 सीटों में से 23 पर राजद, 3 पर वीआईपी, 9 पर कांग्रेस और वाम दलों को 5 सीट दिए गए हैं। जिस तरह सीटों का बंटवारा किया गया है, उससे अधिक फायदा महागठबंधन के बजाय एनडीए को होता दिख रहा है। हालांकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव इसी रणनीति के सहारे एनडीए को शिकस्त देने का दंभ भर रहे हैं।
उदाहरण के तौर पर भागलपुर सीट कांग्रेस के खाते में चला गया है। जबकि 1984 के बाद इस सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिल पाई है। हालांकि 2009 में सदानन्द सिंह चुनाव लड़ें। लेकिन उनकी जीत नहीं हो सकी। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने भाजपा के शाहनवाज हुसैन को परास्त किया था।
ऐसा तब हुआ था, जब देश में मोदी की लहर थी। वहीं, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू के अजय मंडल ने राजद के बुलो मंडल को हरा दिया। मतलब यह कि राजद के लिए यह चुनाव कांग्रेस के मुकाबले में ज्यादा आसान होता। राजद को तब वाम दल का भी सहयोग मिलता। भागलपुर में वाम दलों का कैडर वोट भी है।
यहीं वजह रही की वर्ष 1999 की लोकसभा चुनाव में माकपा के सुबोध राय चुनाव जीत भी गए थे। उसी तरह 1984 के बाद महाराजगंज सीट पर कांग्रेस की जीत नहीं हुई है। लेकिन यह सीट भी कांग्रेस को दी गई है। इसी तरह औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र निखिल कुमार कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं, जो भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह को कड़ी टक्कर दे सकते थे।
लेकिन इस सीट को राजद ने अपने खाते में लेकर कमजोर उम्मीदवार को उतार दिया। वहीं पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने की शर्त पर अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस में विलय कर चुके पप्पू यादव को भी कांग्रेस सीट नहीं दिला सकी। ऐसी ही स्थिति नवादा में भी है, जहां से श्रवण कुशवाहा को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
जबकि श्रवण कुशवाहा विधायक और एमएलसी का चुनाव हार चुके हैं। भूमिहार और यादव बहुल इस क्षेत्र में राजनीति की धुरी इन दो जातियों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। इसी समीकरण को देखते हुए भाजपा ने विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस तरह कई ऐसी सीटें हैं। जहां लालू यादव के सियासी चाल से महागठबंधन के बदले एनडीए को फायदा हो सकता है।