बिहार: छपरा शराब त्रासदी पर विधानमंडल की कार्यवाही चौथे दिन भी चढ़ी हंगामे की भेंट, बात कुर्सियां फेंकने तक पहुंच गई

By एस पी सिन्हा | Published: December 16, 2022 05:35 PM2022-12-16T17:35:44+5:302022-12-16T17:39:58+5:30

बिहार विधानसभा में छपरा शराब त्रासदी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार कुछ इस कदर बढ़ गई कि बात कुर्सियां फेंकने तक पहुंच गई। भाजपा सदस्यों के लगातार हंगामे की वजह से बिहार विधान सभा और विधान परिषद की कार्यवाही के स्थगित करना पड़ा।

Bihar: Legislature proceedings on Chhapra liquor tragedy met with uproar even on the fourth day, the talk reached to throwing chairs | बिहार: छपरा शराब त्रासदी पर विधानमंडल की कार्यवाही चौथे दिन भी चढ़ी हंगामे की भेंट, बात कुर्सियां फेंकने तक पहुंच गई

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsबिहार विधानसभा में चौथे दिन भी छपरा शराबकांड से हुई मौतों को लेकर हुआ भारी हंगामा भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण विधान सभा और विधान परिषद की कार्यवाही कई बार हुई स्थगितभाजपा विधायक सदन में लगातार जहरीली शराब से हुई मौत पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे

पटना:बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज चौथे दिन भी शराब से हुई मौतों को लेकर सदन में भारी बवाल हो गया। प्रश्नकाल के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि बात कुर्सियां फेंकने तक पहुंच गई। भाजपा सदस्यों के लगातार हंगामे की वजह से बिहार विधान सभा और विधान परिषद की कार्यवाही के स्थगित करना पड़ा।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में भाजपा सदस्य लगातार हंगामा कर रहे थे और विधानसभा अध्यक्ष एवं सभापति के अपील पर ध्यान नहीं दे रहे थे। इसलिए दोनो सदनों की कार्यवाही को स्थगित करनी पड़ी। विधायक जहरीली शराब से मौत पर सदन में चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सदन में प्रश्वकाल के दौरान विपक्षी दलों के कई नेताओं के हाथ में पोस्टर लेकर सदन के अंदर हंगामा मचा रहे थे।

सुबह 10.45 बजे से बिहार विधानसभा के मुख्य गेट पर भाजपा ने प्रदर्शन किया और जहरीली शराब को लेकर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। इसके बाद सदन की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे, जहां जमकर हंगामा किया। यहां पोस्टर लहराये गए। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने मार्शल बुलाकर इन विधायकों के पास से पोस्टर हटवाया। प्रश्नकाल के दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े प्रश्व का उत्तर दे रहे थे।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद भी भाजपा के नेता नहीं मानें सदन की मर्यादा का उलंघन करते हुए फोटोग्राफी शुरू कर दी और टेबल और कुर्सी भी पटकना शुरू कर दिया। भाजपा विधायकों ने रिपोर्टिंग टेबल पर कुर्सी फेंकना शुरू कर दिया। स्थिति गंभीर होते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 12 बजे दिन तक स्थगित कर दिया। इसके बाद जब सदन शुरू हुआ तो भाजपा सदस्यों ने फिर से भारी हंगामा किया और वॉकऑउट कर गए।

हालांकि सदन के अंदर नीतीश कुमार संबोधित कर रहे थे। भाजपा विधायक जहरीली शराब को लेकर मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग कर रहे थे। वे जहरीली शराब से हुई मौत पर चर्चा कराने की मांग रहे थे। लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। सरकार की तरफ से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सदन नियमावली से चलती है। नेता प्रतिपक्ष जो नियमावली दिखा रहे हैं, उसमें स्पष्ट है। आसन का जो भी निदेश होगा सरकार पालन करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने विपक्षी विधायकों को चेताते हुए कहा कि अगर आपलोग आसन ग्रहण नहीं करेंगे तो हम कभी बोलने नहीं देंगे। विपक्षी विधायक नियमावली का पालन करें। भोजनावकाश के बाद सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022- 23 के द्वितीय अनुपूरक बजट को सदन में पास करा लिया। दूसरा अनुपूरक बजट 19048 करोड़ रुपये का है।

Web Title: Bihar: Legislature proceedings on Chhapra liquor tragedy met with uproar even on the fourth day, the talk reached to throwing chairs

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