औद्योगिक विकास की नई राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है बिहार, उत्तर बिहार को औद्योगिक रूप से सशक्त करने की तैयारी

By एस पी सिन्हा | Updated: December 23, 2025 15:08 IST2025-12-23T15:08:34+5:302025-12-23T15:08:34+5:30

इस बड़े कदम से करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलने वाले हैं।

Bihar is rapidly moving forward on a new path of industrial development, and preparations are underway to industrially empower North Bihar | औद्योगिक विकास की नई राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है बिहार, उत्तर बिहार को औद्योगिक रूप से सशक्त करने की तैयारी

औद्योगिक विकास की नई राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है बिहार, उत्तर बिहार को औद्योगिक रूप से सशक्त करने की तैयारी

पटना: बिहार में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार औद्योगिक विकास की नई राह पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने 3500 करोड़ रुपये की लागत से 17 नए औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए 7700 एकड़ जमीन अधिग्रहण को मंजूरी दी है। इस बड़े कदम से करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुलने वाले हैं। जिससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित होंगे।

बक्सर, मुजफ्फरपुर, गया, वैशाली और बेगूसराय जैसे जिले अब बिहार के औद्योगिक परिदृश्य में नई पहचान बना रहे हैं। उत्तर बिहार को औद्योगिक रूप से सशक्त करने की दिशा में मुजफ्फरपुर को बड़े हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। पारू प्रखंड में 701 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित इंडस्ट्रियल पार्क को 297 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है, जहां चावल मिल, फूड पार्क और अन्य एग्रो-बेस्ड उद्योग स्थापित होंगे। इस क्षेत्र में बिजली, सड़क, जलापूर्ति, संचार और सुरक्षा जैसी आधुनिक आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके साथ ही मोतीपुर में 800 एकड़ में आकार ले रहा मेगा फूड पार्क स्नैक्स, मिठाई, नमकीन और आटा मिल जैसी इकाइयों के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति देगा। 

वहीं, धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए पहचाना जाने वाला बक्सर अब औद्योगिक विकास के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। नावानगर में पेप्सी और कोका-कोला के बॉटलिंग प्लांट की स्थापना से करीब 1658 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। दक्षिण बिहार में गया (1700 एकड़) और उत्तर बिहार में वैशाली (1100 एकड़) बड़े औद्योगिक प्रांगण के रूप में विकसित हो रहे हैं। बेगूसराय में 550 करोड़ रुपये की लागत से पेप्सी का बॉटलिंग प्लांट आम और लीची किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। 

आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि बिहार का औद्योगिक परिदृश्य अब तेज़ी से नई दिशा में आगे बढ़ चुका है। वर्ष 2005 में जहां राज्य में केवल 46 औद्योगिक क्षेत्र थे, वहीं 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 94 हो गई है। इसी तरह बिहार का निर्यात महज 25 करोड़ रुपये से उछलकर करीब 17 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो आर्थिक मजबूती को बढ़ावा देता है। राज्य सरकार का लक्ष्य बिहार को देश के शीर्ष-5 निवेशक राज्यों में शामिल करना है। 

इसके लिए आने वाले वर्षों में मेगा फूड पार्क, इंडस्ट्रियल पार्क और एमएसएमई पार्क के माध्यम से हर जिले को औद्योगिक पहचान देने की रणनीति पर काम किया जा रहा है,जो बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार, ये परियोजनाएं बिहार के औद्योगिक ढांचे को मजबूती देंगी और इथेनॉल आधारित उद्योगों के जरिए स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

Web Title: Bihar is rapidly moving forward on a new path of industrial development, and preparations are underway to industrially empower North Bihar

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