लाइव न्यूज़ :

बिहार में गुरुकुल परंपरा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार गुरुओं के साथ-साथ शिष्यों को भी देगी मानदेय

By एस पी सिन्हा | Updated: June 12, 2022 16:08 IST

राज्य में गुरुकुल परंपरा के तहत दी जाने वाली शिक्षा के तहत गुरुओं के साथ-साथ संगत करने वाले सहयोगी और शिक्षा ग्रहण करने वाले शिष्यों को भी विभाग की ओर से राशि दी जाएगी। 

Open in App
ठळक मुद्देगुरुओं को प्रत्येक माह साढ़े सात हजार रुपये, जबकि संगत करने वालों को साढ़े तीन हजारइसके साथ ही प्रत्येक शिष्य को 1500-1500 रुपये दिए जाएंगेगुरुकुल परंपरा के तहत गुरु अपने स्तर से शिष्यों का चयन करेंगे

पटना:बिहार में अब गुरूकुल परंपरा को बढ़ावा दिए जाने की दिशा में पहल की जा रही है। ऐसे में सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य में गुरुकुल परंपरा के तहत दी जाने वाली शिक्षा के तहत गुरुओं के साथ-साथ संगत करने वाले सहयोगी और शिक्षा ग्रहण करने वाले शिष्यों को भी विभाग की ओर से राशि दी जाएगी। 

इसके तहत गुरुओं को प्रत्येक माह साढ़े सात हजार रुपये, जबकि संगत करने वालों को साढ़े तीन हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक शिष्य को 1500-1500 रुपये दिए जाएंगे। फिलहाल यह तय नहीं कि इस योजना को कबतक चलाया जायेगा। इस संबंध में राज्य की सांस्कृतिक निदेशक करुणा कुमारी ने बताया कि पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद की यह योजना करीब 22 महीने तक चलेगी। 

इसी माह जून के तीसरे सप्ताह से इसकी शुरुआत होगी जो मई, 2024 तक जारी रहेगी। गुरुकुल परंपरा के तहत गुरु अपने स्तर से शिष्यों का चयन करेंगे। गुरुकुल की तरह ही गुरु के द्वारा तय की गई जगहों पर शिष्यों को जाकर शिक्षा ग्रहण करनी होगी। हर माह प्रत्येक गुरु को कम से कम 12 सत्र का आयोजन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके साथ ही इसकी रिपोर्ट डाक्यूमेंट रूप में विभाग को भी भेजनी होगी। 

निदेशक ने बताया कि विभाग ने इसके लिए तीन गुरुओं को जिम्मेदारी सौंपी है, जो आठ-आठ शिष्यों को संगीत व कला की शिक्षा देंगे। करुणा कुमारी ने बताया कि अभीतक जिन गुरूकुलों को अभी मान्यता प्रदान की गई है, उसमें बेगूसराय के लक्ष्मी प्रसाद यादव बहुरा गोडिन लोक गाथा गायन की शिक्षा देंगे। यह 400 साल पुरानी प्रेम गाथा है, जो बेगूसराय व आसपास के इलाके में प्रचलित है। इसके अलावा समस्तीपुर के रामचंद्र राम बांस शिल्प कला और पटना के मनोरंजन ओझा भोजपुरी लोकगीतों की शिक्षा देंगे। 

टॅग्स :बिहारएजुकेशन
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण