बिहार सरकार के खनन मंत्री बृज किशोर बिंद ने भगवान शिव यानी भोलेनाथ को बिंद जाति का बताया है. उन्होंने कहा कि जब कृष्ण भगवान ग्वाला हो सकते हैं और श्री राम भगवान क्षत्रिय हो सकते हैं तो फिर शंकर जी बिंद जाति के क्यों नहीं हो सकते हैं? उन्होंने कहा कि मैंने कोई गलत नहीं कहा है. यह पुराणों में भी लिखा है कि भगवान शिव बिंद जाति के हैं.
मंत्री जी इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने हनुमान जी को भी शिव का अंश बताते हुए बिंद जाति का ही बताया. यहां बता दें कि बिहार में बिंद जाति अति पिछड़ी श्रेणी में आती है. मंत्री ने इसके पीछे कई तर्क दिए. उन्होंने प्रमाण के लिए शिव पुराण और प्राचीन भारत के इतिहास से जुड़ी एक किताब का हवाला दिया और कहा कि ये बातें आज एमए में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई जाती हैं.
उन्होंने शिवपुराण का हवाला देते हुए कहा कि इसके भाग 2 अध्याय 36, पैरा 4 में लिखा हुआ है कि शंकर भगवान जाति के बिंद थे. इतना ही नहीं एनसीएस हिस्ट्री, प्राचीन भारत जिसके लेखक द्याधर महाजन हैं, इसमें स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि भगवान शिव बिंद जाति के थे. उन्होंने कहा कि एमए की कक्षा में यह पढ़ाया भी जाता है और ये जानकारी मुझे किताबों से मिली है. इसलिए मैंने सोचा कि समाज के लोगों को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए.
बिहार में यह कोई पहला मौका नहीं है, जब किसी राजनेता ने भगवान की जाति को लेकर विरोधाभाषी बयान दिया है. इसकी बानगी मंगलवार को पटना में भी देखने को मिली जब बिहार के एक संगठन ने राज्यपाल फागू चौहान की जाति का ब्योरा निकाला और उनके अभिनंदन का भव्य समारोह कर दिया.
इस कार्यक्रम में जब राज्यपाल पहुंचे तो उन्हें चांदी का मुकुट भी पहनाया गया. पटना में जिस मंच से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उस मंच पर बिहार के उप-मुख्यमंत्री सहित कई कबीना मंत्री भी मौजुद थे.
राज्यपाल के अभिनंदन के लिए यह समारोह नोनिया बिंद बेलदार महासंघ ने आयोजित किया था. यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले यूपी के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भगवान हनुमान की जाति बताई थी. उन्होंने कहा था, बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं. भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं.
मुख्यमंत्री योगी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हुई थी. ऐसे में बृज किशोर बिंद के इस बयान के बाद बिहार में सियासी घमासान बढ़ने की पूरी आशंका है. देखने वाली बात यह होगी कि इस पर पार्टी का क्या बयान आता है.