कोरोना संक्रमण के जोन निर्धारण पर बिहार सरकार ने जताई नाराजगी, केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण

By स्वाति सिंह | Published: May 6, 2020 04:55 PM2020-05-06T16:55:17+5:302020-05-06T17:05:21+5:30

बिहार में कोरोना पॉजिटव मरीजों की संख्या 536 हो गई है. हालांकि इनमें 142 पॉजिटव मरीज स्वास्थ्य होकर अपने अपने घरों को लौट चुके है. वर्तमान में बिहार में 384 कोरोना के ऐक्टिव मरीज हैं.

Bihar government expressed resentment over zone fixation of corona infection, sought clarification from center | कोरोना संक्रमण के जोन निर्धारण पर बिहार सरकार ने जताई नाराजगी, केंद्र से मांगा स्पष्टीकरण

बिहार में अब तक कोरोना वायरस के 30487 नमूनों की जांच की जा चुकी है और कोरोना संक्रमित 158 मरीज ठीक हुए हैं।

Highlightsबिहार में कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 536 हुईबिहार के 38 जिलों में से 32 जिलों में कोविड—19 के मामले अब तक प्रकाश में आए हैं ।

पटना: मोदी सरकार के द्वारा मनमाने ढंग से जोन का निर्धारण कर दिये जाने पर बिहार सरकार ने नाराजगी जताते हुए यह पूछा है कि गया जिले को रेड जोन में कैसे शामिल कर लिया गया है? हालांकि गया को रेड जोन घोषित करने पर एक सप्ताह के बाद बिहार सरकार की नींद टूटी है और उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

30 अप्रैल को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना को लेकर देश के जिलों को तीन हिस्सों में बांटने की अधिसूचना जारी की थी. देश के सारे जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांट दिया था. केंद्र ने बिहार के गया को रेड जोन में रखा था. इससे सारे लोग हैरान थे. केंद्र सरकार ने ये भी साफ कर दिया था कि कोई भी राज्य रेड जोन वाले किसी जिले को ऑरेंज या ग्रीन जोन में तब्दील नहीं कर सकता. ऐसे में हैरानी इस बात से थी कि गया बिहार में कोरोना को लेकर सबसे कम रिस्क वाले जिलों में शामिल है. गया में अब तक सिर्फ 6 पॉजिटिव मरीज पाये गये हैं. जिनमें से 5 की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी है. यानि वे कोरोना से मुक्त हो चुके हैं. सिर्फ एक एक्टीव मरीज वाले गया को रेड जोन बनाने का कारण बिहार सरकार की भी समझ से परे थे.

हैरानी इस बात की भी थी कि बिहार के कई जिलों में गया की तुलना में काफी ज्यादा कोरोना प़ॉजिटिव मरीज पाये जा चुके थे. लेकिन इसके बावजूद उन्हें ऑरेंज जोन में रख दिया गया था. मसलन नालंदा में कोरोना के 36 प़ॉजिटिव केस पाये जा चुके हैं. वहीं कैमुर में कोरोना के 31 मरीजों की पहचान हो चुकी है. गोपालंगज, मधुबनी, भोजपुर, बेगूसराय जैसे कई जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या गया से ज्यादा है. लेकिन इन तमाम जिलों को ऑरेंज जोन में रखा गया है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राज्य सरकार ने केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा है. राज्य सरकार ने पूछा है कि गया को रेड जोन में रखने का कारण क्या है? दरअसल, रेड जोन में आने वाले जिलों में कई तरह की सख्ती बरती जा रही है. वहीं ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में कई तरह की छूट दी गई हैं. हालांकि बिहार सरकार ने अपने किसी जिले को ग्रीन जोन में नहीं रखा है. लेकिन ऑरेंज जोन में शामिल जिलों में कई रियायतें दी जा रही हैं. लेकिन गया के रेड जोन में रहने के कारण वहां किसी तरह की कोई छूट नहीं दी जा रही है.

यहां उल्लेखनीय बिहार में कोरोना पॉजिटव मरीजों की संख्या 536 हो गई है. हालांकि इनमें 142 पॉजिटव मरीज स्वास्थ्य होकर अपने अपने घरों को लौट चुके है. वर्तमान में बिहार में 384 कोरोना के ऐक्टिव मरीज हैं. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में अबतक 28 हजार 791 स्वाब के सैम्पल की जांच की जा चुकी है. राज्य में कोरोना की जांच अब 7 जांच केंद्रों पर की जा रही है. विभाग के अनुसार कोरोना के अबतक 4 मरीजो की मौत हुई है. इनमें मुंगेर, वैशाली, सीतामढी और पूर्वी चंपारण के मरीज शामिल है. हालांकि इन मरीजों को पहले से भी क्रॉनिक बीमारी थी. बिहार में वर्तमान में 32 जिले कोरोना से प्रभावित है. बिहार के टॉप 10 कोरोना प्रभावित जिलों में मुंगेर में 102, रोहतास में 52, बक्सर में 56, पटना में 44, नालंदा में 36, सीवान में 32, गोपालगंज में 18, कैमूर में 28, मधुबनी में 23 और भोजपुर में 18 कोरोना पॉजिटव मरीज हुए हैं.

Web Title: Bihar government expressed resentment over zone fixation of corona infection, sought clarification from center

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