पटनाः बिहार में सरकार के द्वारा जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा किये जाने का आदेश जारी किये जाने बाद अब रिहाई की कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्य के अलग-अलग जेलों में बंद ये कैदी एक एक कर अब जेल से बाहर आने लगे हैं।
आनंद मोहन भी आज पेरोल खत्म होने के बाद जेल में आत्मसमर्पण कर चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार तक वो कानून के तहत रिहा हो जाएंगे। वहीं, बक्सर सेंट्रल जेल से तीन कैदियों को छोड़ दिया गया है। पांच कैदियों का नाम था लेकिन एक कैदी की पिछले साल ही मौत हो चुकी है।
केंद्रीय कारा के अधीक्षक ने बताया कि जेल महानिरीक्षक ने सूची जारी की है। सूची में बक्सर केंद्रीय कारा में बंद नालंदा के राजबल्लभ यादव और रामाधार राम, छपरा निवासी जितेंद्र सिंह के अलावा आरा के रहने वाले किशुन देव राय को जारी आदेश के अनुसार 14 वर्षों से ज्यादा सजा काटने के बाद छोड़ा गया है।
एक कैदी रामाधार राम को अर्थदंड जमा करने के बाद ही छोड़ा जाएगा। संभावना है कि आरा में आज अर्थ दंड आज जमा किया जाएगा। इसके बाद उन्हें भी छोड़ दिया जाएगा। सबसे दिलचस्प बात यो यह है राज्य सरकार ने हड़बड़ी में ऐसे कैदी की भी रिहाई का आदेश जारी कर दिया, जिसकी मौत महीनों पहले हो चुकी है।
बिहार सरकार के विधि विभाग ने 24 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने 27 ऐसे कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया है जो 14 साल की कैद की सजा काट चुके हैं। सरकार की सूची में 11वें नंबर पर आनंद मोहन का नाम है। लेकिन इसी सूची में 15 वें नंबर पर कैदी पतिराम राय का भी नाम है।
सरकारी आदेश के मुताबिक 1988 में उम्र कैद की सजा पाने वाले पतिराम राय बक्सर के ओपेन जेल में बंद हैं और उनकी उम्र 93 साल हो चुकी है। उन्हें उम्र कैद की सजा से रिहाई का आदेश पारित किया गया। बक्सर ओपेन जेल के अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि सरकार के आदेश पर बक्सर ओपेन जेल से पांच कैदी को रिहा करना था। लेकिन इसमें से एक कैदी पतिराम राय की मौत पिछले ही साल हो चुकी है। तकरीबन 6 महीने पहले यानि पिछले साल नवंबर में ही पतिराम राय की मौत हो गई थी।