विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, कहा- सार्वजनिक संपत्ति, किसी की निजी नहीं
By एस पी सिन्हा | Published: September 4, 2020 06:52 PM2020-09-04T18:52:32+5:302020-09-04T18:58:45+5:30
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि विष्णुपद मंदिर के पुजारियों के हितों की रक्षा की जाएगी. खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि विष्णुपद मंदिर से जुडे़ पंडों के हितों का भी ख्याल रखा जायेगा, क्योंकि इस मंदिर से आमलोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं.
पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सात सितंबर तक बताने को कहा है कि गया का प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर सार्वजनिक है या किसी विशेष वर्ग का? यह जानकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते मांगी है.
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि गया का विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है. मंदिर किसी की निजी संपत्ति नहीं हो सकती है. साथ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि विष्णुपद मंदिर के पुजारियों के हितों की रक्षा की जाएगी. खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि विष्णुपद मंदिर से जुडे़ पंडों के हितों का भी ख्याल रखा जायेगा, क्योंकि इस मंदिर से आमलोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं.
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर गया के जिलाधिकारी और विष्णुपद मंदिर प्रबंधन से जवाब भी तलब किया था. कोर्ट ने लोकहित याचिका पर सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की. कोर्ट को बताया गया कि विश्व प्रसिद्ध इस मंदिर की स्थिति ठीक नहीं है. मंदिर से कमाई तो की जा रही है लेकिन इसके रखरखाव पर खर्च नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने राज्य सरकार को इस मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में लेने और प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन करने की मांग अदालत से की. उनका कहना था कि जिस प्रकार माता वैष्णो देवी और बाला जी मंदिर का प्रबंधन बोर्ड द्वारा किया जाता है.
उसी प्रकार इस मंदिर के प्रबंधन के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए. मंदिर के पुजारी से लेकर मंदिर से जुडे़ सभी कर्मियों को बोर्ड के अधीन रखा जाय. विष्णुपद मंदिर की संपत्ति को निजी सम्पति की बजाय सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाय. कोर्ट ने सभी को इस मामले में विस्तृत जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था.
इस जनहित याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार इस मंदिर को अपने नियंत्रण में लेकर इसके प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन उस प्रकार करे, जैसे कि माता वैष्णो देवी या बाला जी मंदिर का प्रबंधन बोर्ड द्वारा किया जाता हैं. इसके बाद विष्णुपद मंदिर के रखरखाव और बोर्ड प्रबंधन की जानकारी देने के लिए पटना हाईकोर्ट ने गया डीएम और मंदिर प्रबंधन से जवाब-तलब किया था.
साथ ही केंद्र सहित राज्य सरकार तथा बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया था. याचिका में यह भी कहा गया है कि विष्णुपद मंदिर की संपत्ति को सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाये, क्योंकि यह किसी की निजी संपत्ति नहीं है. इस मामले पर फिर सात सितंबर को सुनवाई की जायेगी.