बिहार में चले सियासी ड्रामे में खेला दोनों तरफ हुआ, सत्ता पक्ष के 5 और राजद के तीन विधायकों ने किया खेला
By एस पी सिन्हा | Published: February 12, 2024 06:36 PM2024-02-12T18:36:21+5:302024-02-12T18:38:42+5:30
भाजपा और जदयू ने आखिरी वक्त में राजद में सेंधमारी कर अपनी जीत तय कर लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खेला होने की चुनौती देने वाले राजद नेता तेजस्वी यादव संग सोमवार को खुद खेला हो गया।
पटना: बिहार विधानसभा में जिस खेला की संभावना जताई जा रही थी, वो खेला हो गया। खेला दोनों तरफ हुआ। सेंधमारी दोनों पक्षों में हुई। ऐसे में आखिरकार जीत सत्ता पक्ष की हुई। भाजपा और जदयू ने आखिरी वक्त में राजद में सेंधमारी कर अपनी जीत तय कर लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खेला होने की चुनौती देने वाले राजद नेता तेजस्वी यादव संग सोमवार को खुद खेला हो गया। उनकी पार्टी के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव ने तेजस्वी यादव को झटका दे दिया। वे नीतीश कुमार के खेमे में आ गए।
वहीं, सत्तापक्ष भी इससे अछूता नही रहा। नीतीश सरकार के विश्वास मत की अग्नि परीक्षा में सत्ता पक्ष के 5 विधायक गायब हो गये। तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा के तीन विधायक और जदयू के दो विधायक सदन में नहीं पहुंचे। इन पांच विधायकों को समेटने के लिए भाजपा और जदयू ने पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन 5 विधायकों को अपने पाले में नहीं ला पाए। हालांकि राजद के तीन विधायकों के पाले में आ जाने के कारण नीतीश सरकार के पक्ष में 129 विधायकों का समर्थन मिला और बहुमत साबित करने में सफल रही।
ऐसे में खेला का अंतिम नतीजा सत्तारूढ़ एनडीए के पक्ष में गया। पक्ष और विपक्ष के पहले जोर आजमाइश में सत्ता पक्ष की जीत हुई। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी चली गई। विधानसभा में नीतीश कुमार की नई सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले अध्यक्ष को हटाये जाने पर मतदान हुआ, जिसमें विपक्ष की हार हो गई। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में मतदान हुआ। मतदान में उन्हें हटाने के समर्थन में 125 मत पड़े। वहीं, विपक्ष में सिर्फ 112 मत पड़े।
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ मतदान के दौरान भाजपा के तीन विधायक गायब रहे। भाजपा की दो महिला विधायक भागीरथी देवी और रश्मि वर्मा सदन में मतदान के दौरान नहीं पहुंची। वहीं, भाजपा के एक और विधायक मिश्रीलाल यादव मतदान के दौरान गायब रहे। मिश्रीलाल यादव पहले वीआईपी पार्टी के विधायक हुआ करते थे। लेकिन बाद में भाजपा में शामिल हुए थे।
वहीं, जदयू के दो विधायक बीमा भारती और दिलीप राय सदन में नहीं पहुंचे। बीमा भारती से संपर्क साधने की पूरी रात और सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले तक होती रही। लेकिन उनका फोन नहीं खुला। वहीं, दिलीप राय भी सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं पहुंचे। दिलीप राय पहले राजद के नेता थे, 2020 में वे जदयू के टिकट पर विधायक बने थे।
उधर, जदयू के विधायक डॉ संजीव को रविवार की रात पुलिस ने नवादा में रोका था। उन्हें नवादा में रात भर सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया था और फिर वहां से पुलिस सुरक्षा में पटना भेजा गया। सदन में अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से ठीक पहले डॉ संजीव विधानसभा पहुंचे।
वहीं, चलते सदन में राजद के तीन विधायक नीलम देवी, चेतन आनंद और प्रह्लाद यादव विपक्ष की ओर से उठे और सत्ता पक्ष की ओर जा बैठे। नीलम देवी मोकामा से राजद विधायक हैं और बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी हैं। वहीं चेतन आनंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे हैं। उन्हें कल देर रात तेजस्वी यादव के विधायक से पुलिस ने मुक्त कराया था। चेतन आनंद के भाई ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनके भाई को बंधक बना कर रखा गया है।
इसके बाद देर रात तेजस्वी यादव के घर पर कई बार ड्रामा हुआ और फिर चेतन आनंद को पुलिस वहां से लेकर उनके पाटलिपुत्रा कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचा आई। जबकि पाला बदलने वाले तीसरे विधायक प्रह्लाद यादव लालू परिवार के पुराने करीबी रहे हैं और उनका पाला बदलना हैरान करने वाला रहा। गनीमत यह रही कि कांग्रेस, वाम दलों में कोई फूट नहीं हुई।