पटना: नेपाल में बारिश थमने के बावजूद उत्तर बिहार के कुछ जिलों में बाढ़ का संकट बरकरार है. बागमती व बूढी गंडक के अलावा कमला व अधवारा नदियों का जलस्तर कुछ जगहों पर लाल निशान के करीब या उससे ऊपर है. गंडक के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन जिन इलाकों में इस नदी का पानी फैल चुका था, वहां के लोगों की अभी मुसीबत कम नहीं हुई है. राज्य के 16 जिलों के 125 प्रखंडों की 1223 पंचायतों की 73 लाख से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए बचाव एवं राहत कार्य चलाए जा रहे हैं. राज्य में गंगा, गंडक, बूढी गंडक समेत अन्य नदियों में उतार-चढाव देखा जा रहा है. इससे बाढग्रस्त इलाकों में थोडी राहत मिली है, पर कटाव तेज हो गया है. इधर, दरभंगा में बागमती के जल स्तर में कमी नहीं आई है. बागमती नदी के पश्चिमी भाग से लेकर पूर्वी भाग में बाढ पीडितों की समस्या बढ़ी हुई है. मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही. बाढ़ के कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर चलाई जाने वाली ट्रेनों के परिचालन में कुछ बदलाव किया गया है. इसमें अब समस्तीपुर के बदले अधिकतर ट्रेनें सीतामढी के रास्ते दरभंगा व मुजफ्फरपुर के रास्ते चलेगी.
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रडु ने कहा है कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव एवं राहत कार्य में लगी हुई हैं. पांच लाख आठ हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है. बाढ पीडितों को प्रतिदिन भोजन मुहैया कराने के लिए विभिन्न जिलों में 1342 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं. यहां पर प्रतिदिन नौ लाख 87 हजार लोगों को भोजन कराया जा रहा है.
उधर, दरभंगा में बागमती का जलस्तर बेनीबाद में खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है. जबकि अधवारा व कमला नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है. जिले के पश्चिमी इलाके में बाढ की स्थिति यथावत है. मोहल्लों में अब भी पानी भरा है और लोगों को आने जाने में कठिनाई हो रही है. प्रभावित मोहल्ले के लोग छत पर शरण लिये हुए हैं. उधर, बूढी गंडक के पानी से टूटे तिरहुत नहर का पानी अब भी पंचायतों में फैल रहा है. इसतरह से बाढ के कारण तबाही जारी है.