बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने भाजपा पर लगाया बिहार को नीचा दिखाने का आरोप, कहा-केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों पर भी भरोसा नहीं करते
By एस पी सिन्हा | Published: April 9, 2023 04:30 PM2023-04-09T16:30:20+5:302023-04-09T16:30:20+5:30
विकास पर सवाल उठाने पर भाजपा को घेरते हुए विजय चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों एवं उसके निष्कर्षों पर तो भाजपा को यकीन करना चाहिए।

बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने भाजपा पर लगाया बिहार को नीचा दिखाने का आरोप, कहा-केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों पर भी भरोसा नहीं करते
पटना: जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने महागठबंधन सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि बिहार के विकास पर भी उनका बिहारीपन नहीं जागता है, बल्कि भाजपा को बिहार को नीचा दिखाने में मजा आता है। विकास पर सवाल उठाने पर भाजपा को घेरते हुए विजय चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों एवं उसके निष्कर्षों पर तो भाजपा को यकीन करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर भाजपा के नेता बिहार सरकार की बात नहीं समझते तो कोई बात नहीं। कम-से-कम केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों एवं उसके निष्कर्षों पर तो यकीन करना चाहिए। उसका तो सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल के मामले में बिहार के 4 जिले शामिल हैं। रैंकिंग में सबसे ऊपर के चार जिले समस्तीपुर, शेखपुरा, सुपौल एवं बांका बिहार के ही हैं।
विजय चौधरी ने कहा कि इसी वर्ष के प्रारंभ में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा देशभर के सभी जिलों के ग्रामीण इलाके में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के संबंध में सर्वेक्षण कराया गया। इसमें ग्रामीणों के लिए मात्रा एवं शुद्धता के साथ उपलब्धता की निरन्तरता का भी मानक रखा गया था।
इस सर्वेक्षण के जो परिणाम सार्वजनिक हुए हैं, वह बिहार को गौरवान्वित करने वाले हैं। रैंकिंग में सबसे ऊपर के चार जिले समस्तीपुर, शेखपुरा, सुपौल एवं बांका बिहार के ही हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि यह बिहार सरकार की कार्यशैली एवं खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का ही नतीजा है। जिसकी वजह से शुद्ध पेयजल के मामले में बिहार के 4 जिले शामिल हैं।
जदयू नेता ने भाजपा पर तंज सकते हुए कहा कि पता नहीं क्यों, इतनी बड़ी-बड़ी उपलब्धियों से भी इनका बिहारीपन नहीं जगता और बार-बार बिहार को अकारण नीचा दिखाने में ही इन्हें आनंद आता है।