bihar election result 2020: ओवैसी की Entry से BJP की Victory! बिगड़ा महागठबंधन का खेल
By गुणातीत ओझा | Published: November 10, 2020 07:03 PM2020-11-10T19:03:41+5:302020-11-10T19:20:01+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों की तस्वीर अब साफ होती नजर आ रही है। नतीजों के रुझान में एनडीए अब तक बढ़त बनाए हुए है। एनडीए रुझानों में बहुमत हासिल कर चुका है, तो महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों की तस्वीर अब साफ होती नजर आ रही है। नतीजों के रुझान में एनडीए अब तक बढ़त बनाए हुए है। एनडीए रुझानों में बहुमत हासिल कर चुका है, तो महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। एग्जिट पोल के उलट जश्न भाजपा के खेमे में मन रहा है। महागठबंधन के नेताओं के चेहरों पर मायूसी छाने लगी है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा ने 75 सीटों पर बढ़त बना ली है, जबकि राजद दूसरे नंबर की पार्टी है और वह 63 सीटों पर आगे चल रही है। जदयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है। जदयू के खाते में 50 से कम सीटें रह सकती हैं। वहीं, कांग्रेस पिछले चुनाव में भी चौथे नंबर की पार्टी थी और इस बार भी उसे वही जगह मिली है।
अब बात करते हैं बिहार के सीमांचल क्षेत्र की। यहां एनडीए को मिल रही बढ़त को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है। सीमांचल में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले के अंतर्गत कुल 24 विधानसभा सीटें है। अभी तक सामने आये चुनावी रुझान में असुद्दीदीन ओवैसी की पार्टी (AIMIM) तीन सीटों पर आगे चल रही है। जबकि, दो सीटों पर दूसरे नंबर पर है। ओवैसी फैक्टर के मद्देनजर एनडीए को फायदा, तो महागठबंधन का नुकसान पहुंचता दिख रहा है।
अभी तक मिले रुझानों के अनुसार, सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से एनडीए को करीब आधी सीटों पर बढ़त मिल रही है, जबकि महागठबंधन महज पांच सीटों पर आगे चल रहा है। इसके अलावा आठ सीटें अन्य को मिल रही हैं। जिनमें से ओवैसी की पार्टी तीन सीटों पर आगे है। इन सबके बीच कई सीटों पर ओवैसी भले ही जीतते नजर नहीं आ रहे हों, लेकिन उनके प्रदर्शन से महागठबंधन का खेल जरूर बिगड़ता दिखाई दे रहा है। ओवैसी की पार्टी ने बिहार की 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें से 14 उम्मीदवार सीमांचल इलाके की सीटों पर है।
सीमांचल इलाके में 2015 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस ने यहां अकेले 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि, जदयू को 6 और आरजेडी को 3 सीटें मिली थीं। वहीं, भाजपा को 6 और एक सीट भाकपा माले को गयी थी। 2015 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की छह सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें कोचाधामन सीट पर AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल इमान दूसरे नंबर पर रहे थे। इसके बाद 2019 में हुए उपचुनाव में किशनगंज सीट पर ओवैसी की पार्टी खाता खोलने में कामयाब रही थी।