बिहारः कांग्रेस-राजद में टूटा गठबंधन, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा बोले-फैसला अब आलाकमान को करना है, शिवानंद तिवारी ने कहा-नहीं तो तेजस्वी सीएम होते

By एस पी सिन्हा | Published: October 18, 2021 08:18 PM2021-10-18T20:18:08+5:302021-10-18T20:20:16+5:30

बिहार में दो विधानसभा सीट पर उपचुनावः राजद और कांग्रेस के अलग हो जाने के बाद दोनों पार्टियों के बीच जुबानी हमला भी तेज हो गया है.

Bihar Congress-RJD alliance Madan Mohan Jha now decision high command Shivanand Tiwari otherwise Tejashwi yadav would have been CM | बिहारः कांग्रेस-राजद में टूटा गठबंधन, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा बोले-फैसला अब आलाकमान को करना है, शिवानंद तिवारी ने कहा-नहीं तो तेजस्वी सीएम होते

कुशेश्वरस्थान और तारापुर में कांग्रेस ही नहीं एनडीए भी हमारे मुकाबले कहीं नहीं है.

Highlightsमहागठबंधन में शामिल कांग्रेस का भविष्य उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे.एकतरफा चुनाव है दोनों ही सीटों पर राजद के उम्मीदवार ही जीत रहे हैं.राजद और कांग्रेस का बिहार में क्या आधार है?

पटनाः बिहार में दो विधानसभा सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान में हो रहे उप चुनाव के दौरान महागठबंधन में टूट हो गई है. राजद और कांग्रेस ने अपना अलग-अलग उम्मीदवार उतारा है.

 

इसके बाद कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि राजद के साथ कांग्रेस के संबंध फिलहाल समाप्त हो चुके हैं. भविष्य में रिश्ता कायम रहेगा या फिर दरार जारी रहेगी, इसका फैसला अब आलाकमान को करना है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए कुशेश्वरस्थान में हैं. वहां उन्होंने कहा कि राजद से कांग्रेस का रिश्ता फिलहाल समाप्त हो चुका है.

आगे राजद के साथ रिश्ते का भविष्य क्या होगा, इसका फैसला आलाकमान को करना है. उसका जो निर्णय होगा उसी आधार पर भविष्य की राजनीति की दशा-दिशा तय होगी. उनके इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस भविष्य में भी राजद से दूरी बनाकर रखेगी और अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी. यहां बता दें कि कांग्रेस के अंदर राजद से दोस्ती को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं.

पुराने कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि राजद राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस को नुकसान पहुंचाता रहा है. 2019 का लोकसभा चुनाव हो, 2020 का विधानसभा चुनाव, या इसके पूर्व के चुनाव, राजद अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे में सौतेला व्यवहार करता रहा है. नेताओं का मानना है कि कांग्रेस को अपने बेहतर भविष्य के लिए राजद से दूरी बनाकर चलना चाहिए.

सियासी जानकारों का भी कहना है कि अब वक्त आ गया है, जब कांग्रेस को बिहार में अपनी जमीन मजबूत करने के लिए एकला चलो के पथ पर आगे बढ़ने पर विचार करना होगा. उधर, राजद और कांग्रेस के अलग हो जाने के बाद दोनों पार्टियों के बीच जुबानी हमला भी तेज हो गया है.

राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस की वजह से ही तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन सके. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में यदि कांग्रेस 70 सीटों की जगह 50 सीटों पर ही चुनाव लडी होती तो आज बिहार में महागठबंधन की सरकार होती और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री होते. लेकिन एक गलती के कारण सब कुछ उल्टा पड गया. शिवानंद तिवारी ने कहा कि अब महागठबंधन में शामिल कांग्रेस का भविष्य उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे.

यदि कांग्रेस की जीत होती है तो वह पहले की तरह सीट का दावा कर सकते हैं. लेकिन यदि रिजल्ट गड़बड़ हुआ तो इस तरह सीटों की मांग दोबारा नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस की ओर से उपचुनाव में जीत के दावे पर उन्होंने कहा कि यह देखना जरूरी है कि राजद और कांग्रेस का बिहार में क्या आधार है? कुशेश्वरस्थान और तारापुर में कांग्रेस ही नहीं एनडीए भी हमारे मुकाबले कहीं नहीं है. एकतरफा चुनाव है दोनों ही सीटों पर राजद के उम्मीदवार ही जीत रहे हैं.

Web Title: Bihar Congress-RJD alliance Madan Mohan Jha now decision high command Shivanand Tiwari otherwise Tejashwi yadav would have been CM

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