लखनऊः उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों चुनावों की सरगर्मी ज़ोरों पर हैं. ऐसे समय में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव विपक्षी एकता को धार देने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे.
नीतीश और तेजस्वी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से विपक्षी एकता के मसले पर विचार विमर्श करने के बाद सीधे अखिलेश से मिलने लखनऊ पहुंचे. अखिलेश यादव से दोनों नेताओं की मुलाक़ात सपा मुख्यालय में हुई. अखिलेश यादव ने दोनों नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों नेताओं के बीच पार्टी दफ्तर में विपक्षी एकता के मसले पर लंबी चर्चा हुई.
इस चर्चा के बारे में तीनों नेताओं ने मीडिया में खुलासा नहीं किया. नीतीश कुमार ने जरूर अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बात करने हुए ये साफ कर दिया कि वह प्रधानमंत्री बनने की रेस में नहीं हैं. मीडिया कर्मियों से वार्ता करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग यहां इसलिए आए हैं ताकि विपक्षी एकता को लेकर अधिक से अधिक पार्टियों की एक राय हो.
जो लोग सिर्फ़ प्रचार करते हैं और काम नहीं करते हैं, उन्हें हटाने हुए हम अधिक से अधिक पार्टियों को जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि बीजेपी से मुक्ति मिले. अभी बस इतना कहेंगे कि एक साथ अधिक से अधिक पार्टियों को मिलाकर लड़ेंगे तो हमारा फायदा होगा. नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हम लोगों का तो यूपी से पुराना रिश्ता रहा है.
हम सब पुराने समाजवादी हैं. विपक्षी एकता के लिए क्या वह मायावती से भी मुलाक़ात करेंगे? इस सवाल का नीतीश ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया सिर्फ यही कहा कि अभी तो अखिलेश यादव से मुलाक़ात हो रही है. मीडियाकर्मियों द्वारा पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर बार -बार पूछे गए सवालों को लेकर नीतीश ने ज़ोर देते हुए यह कहा कि मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि मुझे पीएम नहीं बनना है.
हम लोग जब एकजुट हो जायेंगे तब तय होगा हमारा नेता कौन होगा. पर मैं एक बात बता देना चाहता हूँ कि मैं इस रेस में नहीं हूं. इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि जिस तरह लोकतंत्र पर खतरा है, महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी चरम सीमा पर है बीजेपी को हटाने के लिए हम आपके (नीतीश) साथ हैं. अखिलेश ने नीतीश कुमार के इस कथन पर सहमति जताई कि अगले चुनाव में सब एक साथ मिलकर लड़ेंगे तो बहुत फायदा होगा. यह देश के हित में भी होगा.