पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को राज्य का पहला डबल डेकर पुल की बड़ी सौगात दी है। उन्होंने बुधवार को राजधानी पटना में बने डबल डेकर पुल का उद्घाटन कर उसे जनता को सौंप दिया। यह डबल-लेवल एलिवेटेड कॉरिडोर न केवल अशोक राजपथ पर ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगा, बल्कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट और जेपी गंगा पथ से इसकी कनेक्टिविटी शहर के ट्रैफिक प्रबंधन को नई दिशा देगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री के अलावे कई मंत्री और बड़े अधिकारी मौजूद थे। डबल-डेकर पुल अशोक राजपथ, पीएमसीएच, साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय जैसे अत्यंत व्यस्त क्षेत्रों में ट्रैफिक दबाव को कम करेगा। जेपी गंगा पथ से सीधा लिंक, जिससे गांधी सेतु या कंकड़बाग की ओर से आने वाले वाहनों को मिलेगा नया वैकल्पिक मार्ग।
पुल को बाकरगंज नाला सड़क, मल्टी-लेवल पार्किंग और पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से भी जोड़ा जाएगा। छात्र, मरीज, डॉक्टर, व्यापारी व आम नागरिक हर वर्ग को मिलेगा लाभ। यह पुल न सिर्फ एक ट्रैफिक परियोजना है, बल्कि शहर की एक नई पहचान बनने जा रहा है। दरअसल, पटना के अशोक राजपथ को आज एक बड़े अभिशाप से मुक्ति मिल गई है।
अक्सर जान से कराहने वाले अशोक राजपथ और उस इलाके के रहने वाले लोगों की बड़ी परेशानी दूर हो गई है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां बने डबल डेकर पुल के जनता को समर्पित कर दिया। यह बिहार का पहला डबल डेकर फुल है, जिस पर गाड़ियां भी चलेगी और साथ-साथ मेट्रो का भी परिचालन होगा।
इसके बनने से अशोक राजपथ के इलाके में लोगों को जो जाम की समस्याओं से परेशानी होती थी, वह लगभग खत्म हो गई है। पुल के नीचे सड़क पर भी जो लोगों के आने-जाने के लिए पूरी सुविधा दी गई है। इस डबल डेकर फ्लाईओवर में ग्राउंड लेवल पर 5.50 मीटर चौड़ी दो समानांतर सर्विस लेन बनाकर आमजनों के लिए यातायात को सुगम बनाया गया है।
पहली मंजिल से कृष्णा घाट से बीएन कॉलेज तक आवागमन की सुविधा दी गई है। दूसरी मंजिल से कारगिल चौक से एनआईटी की दिशा में ट्रैफिक को निर्देशित किया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा 422 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया गया है।
घनी आबादी वाले क्षेत्र में बन रहे इस फ्लाईओवर के लिए बीएन कॉलेज, सेंट मेरी चर्च, पीरबहोर थाना, पीएमसीएच और पटना विश्वविद्यालय की बाउंड्री को हटाकर सर्विस लेन चौड़ी की गई। इस परियोजना की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 सितंबर 2021 को की थी।
निर्धारित 36 माह की समयसीमा के मुकाबले यह फ्लाईओवर सिर्फ 8 महीने की देरी से, यानी 44 महीनों में पूरा किया गया है। इस डबल डेकर फ्लाईओवर के चालू होने के बाद अब राज्य के किसी भी हिस्से से पीएमसीएच तक पहुंचने के चार विकल्प उपलब्ध होंगे।