बिहार: मॉनसून की पहली बारिश ने थामा चमकी बुखार का कहर, नहीं आए नए मरीज, अब तक 182 मासूमों की मौत

By एस पी सिन्हा | Published: June 23, 2019 07:17 PM2019-06-23T19:17:45+5:302019-06-23T19:17:45+5:30

एसकेएमसीएच के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) बच्चों को उस वक्त अपनी चपेट में लेता है, जब भीषण गर्मी पड़ रही होती है और इलाके में बारिश होने पर इस रोग का प्रसार रूकता है. इस बार भी यही हो रहा है और आज दिन में अब तक एक भी बच्चा भर्ती नहीं किया गया.

Bihar chamki fever first rain of monsoon relief new patients do not come so far 182 deaths | बिहार: मॉनसून की पहली बारिश ने थामा चमकी बुखार का कहर, नहीं आए नए मरीज, अब तक 182 मासूमों की मौत

बिहार: मॉनसून की पहली बारिश ने थामा चमकी बुखार का कहर, नहीं आए नए मरीज, अब तक 182 मासूमों की मौत

Highlightsचमकी बुखार से राज्य के 40 जिलों में करीब 20 जिले प्रभावित हैं.इस रोग से एक जून से 600 से अधिक बच्चे पीड़ित हुए हैं.

बिहार में कहर बनकर आए एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से होनेवाली मौत की रफ्तार में मॉनसून की बारिश ने ब्रेक लगा दी है. रविवार दोपहर तक दो बच्चे की मौत हुई है. वहीं नए मरीजों में भी काफी कमी आ गई है. एसकेएमसीएच में शनिवार देर रात को भी इस बीमारी से एक बच्चे ने दम तोड़ दिया था. जिसके बाद मौत का आंकड़ा अब 182 पहुंच गया है. 

इस बीच, मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की लगातार हो रही मौत के बीच यहां के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. निलंबित सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर का नाम डॉ. भीमसेन कुमार है.

बता दें कि 19 जून को स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के बाल रोग विशेषज्ञ की एसकेएमसीएच में तैनाती कर दी थी. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि अब तक कुल 574 एइइएस के केस मिले हैं, जिनमें से 149 की मौत की रिपोर्ट मिली है.

दूसरी ओर ग्लूकोज की कमी के कारण भी बच्चों की मौत हुई है. ग्लूकोज की कमी के कारण 556 बच्चे पीड़ित हुए हैं, जिसमें 120 बच्चों की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर में बारिश होने से तामपान में गिरावट हुई है. ऐसे में उम्मीद है कि बच्चों की बीमारी पर जल्द ही नियंत्रण मिलेगा.

वहीं, एसकेएमसीएच के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) बच्चों को उस वक्त अपनी चपेट में लेता है, जब भीषण गर्मी पड़ रही होती है और इलाके में बारिश होने पर इस रोग का प्रसार रूकता है. इस बार भी यही हो रहा है और आज दिन में अब तक एक भी बच्चा भर्ती नहीं किया गया. अब चमकी बुखार से पीडितों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें लगातार अस्पताल से छुट्टी दे रही है.

राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक चमकी बुखार से राज्य के 40 जिलों में करीब 20 जिले प्रभावित हैं. इस रोग से एक जून से 600 से अधिक बच्चे पीडित हुए. जिसमें मुजफ्फरपुर सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिला है, जहां 430 बच्चों को भर्ती किया गया. इस साल इस रोग से अधिक संख्या में मौत होने की मुख्य वजह खून में शर्करा (चीनी) के स्तर में कमी आना है.

Web Title: Bihar chamki fever first rain of monsoon relief new patients do not come so far 182 deaths

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