बिहार उपचुनाव नतीजों पर तेजस्वी का तंज- लालू जी बीजेपी से हाथ मिला लेते तो आज हिंदुस्तान के राजा हरिशचंद्र होते
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: October 24, 2019 07:16 PM2019-10-24T19:16:15+5:302019-10-24T19:29:30+5:30
Bihar by-election results: तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक के बाद एक धड़ाधड़ ट्वीट करते हुए बीजेपी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर निशाना साधा।
Bihar by-election results: बिहार में 5 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पर तंज कसा है। उपचुनाव में एनडीए को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है। तेजस्वी यादव ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक के बाद एक धड़ाधड़ ट्वीट करते हुए बीजेपी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर निशाना साधा।
तेजस्वी ने लिखा, ''धमाकेदार जीत के लिए मतदाता मालिकों का धन्यवाद। मैंने कार्यकर्ताओं संग चुनावों में जनसरोकार के मुद्दों की वापसी के लिए लोगों से अपील की थी। मुझे खुशी है कि बिहार ने जमीनी मुद्दों को तवज़्ज़ो देते हुए निर्णय दिया। राजनीति आसमानी मसलों से धरती के मुद्दों पर आ रही है। आइए स्वागत करें।
उपचुनाव में बिहार की न्यायप्रिय जनता ने 15 वर्ष के घोर अवसरवाद, भ्रष्टाचार, कुशासन और अराजकता के परिचायक NDA ठगबंधन को करारा सबक सिखाया है।
नैतिक भ्रष्टाचार के पितामह नीतीश कुमार जैसों के BJP/IT/CBI/ED ठगबंधन को हराने के लिए हम जनसरोकार के मुद्दों के साथ और अधिक संघर्ष करेंगे।
उपचुनाव ने साबित कर दिया है बिहार को 2020 में रूढ़िवादी नहीं बल्कि नए जमाने की आकांक्षाओं और सपनों के साथ कदमताल कर प्रगतिशील, विकासशील एवं नया बिहार बनाने वाला नया नेतृत्व चाहिए।
2020 में जात-धर्म से ऊपर उठकर बिहार के युवाओं, किसानों और गरीबों की हितकारी सरकार बनेगी।''
तेजस्वी यहीं नहीं रुके, एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''अगर लालू जी बीजेपी से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरिशचंद्र होते। तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का डीएनए बदल जाता।''
पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में दो सीटों पर आरजेडी उम्मीदवार जीते हैं। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार, एक पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम उम्मीदवार और एक सीट जेडीयू के खाते में गई है।
बता दें कि पिछले आम चुनाव में हार के बाद कई दिनों तक तेजस्वी यादव मीडिया और पार्टी दफ्तर से दूर रहे थे। लंबी छुट्टी के बाद वह सक्रिय राजनीति में लौटे थे। विरोधियों पर तेजस्वी के वार से उनके समर्थकों में एक नया उत्साह है।