Breaking News: बिहार में एक-दो विषयों में फेल छात्रों को ग्रेस मार्क देकर किया जाएगा पास
By स्वाति सिंह | Published: August 6, 2020 09:06 PM2020-08-06T21:06:11+5:302020-08-06T21:15:32+5:30
बिहार सरकार ने एक या दो विषयों में फेल छात्रों को ग्रेस नंबर देकर पास करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
पटना: बिहार में लगातार बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए नीतीश सरकार ने मैट्रिक और इंटर के छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार ने एक या दो विषयों में फेल छात्रों को ग्रेस नंबर देकर पास करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले से लाखों छात्रों को फायदा होगा, जो कुछ नंबर से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास करने से रह गए थे। वो अब अगले क्लास में बिना कंपार्टमेंट परीक्षा दिए ही एडमिशन ले पाएंगे।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने कहा, 'बिहार सरकार ने कोरोना महामारी के चलते मैट्रिक और इंटर परीक्षा में एक या दो विषयों में फेल छात्रों को एक्स्ट्रा नंबर का ग्रेस देकर पास करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।' बिहार सरकार के इस फैसले के बाद 2020 में इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 46005 विद्यार्थी एक विषय में और 86481 विद्यार्थी जो दो विषयों में फेल थे, यानी कुल मिलाकर 132486 विद्यार्थी फेल हुए थे। यह सभी विद्यार्थी इंटरमीडिएट की कंपार्टमेंट परीक्षा में शामिल होने के पात्र थे। इंटरमीडिएट के कुल फेल हुए विद्यार्थियों में से 72610 को ग्रेस अंक देकर पास करा दिया गया है।
पिछले साल की तुलना में इस बार कम पास हुए थे छात्र
पिछले सालों की तुलना में बिहार बोर्ड का रिजल्ट कम रहा है। पिछले साल 80.73 फीसदी छात्र पास हुए थे और इस बार 80.59 फीसदी पास हुए हैं। कुल छात्र-छात्राएं 12 लाख, चार हजार, 30 पाए हुए हैं। जबकि, दो लाख, 89 हजार, 692 छात्र फेल हुए हैं। प्रथम श्रेणी नें चार लाख, तीन हजार, 392, द्वितीय श्रेणी में पांच लाख, 24 हजार, 217 और तृतीय श्रेणी में दो लाख, 75 हजार, 402 परीक्षार्थी पास हुए हैं
Bihar Board 10th Result: टॉपर्स की कॉपियां दो बार हुईं थी चेक
बिहार बोर्ड 10वीं की कॉपियों के मूल्यांकन के आधार पर टॉपर्स की कॉपियों की जांच भी दोबारा की गई है। साथ ही 10वीं के टॉपर्स से ऑनलाइन इंटरव्यू भी किए गए हैं ताकि कोई संशय नहीं रहे। मेरिट लिस्ट बनाने से पहले उच्चतम अंक लाने वाले कई छात्रों का इंटरव्यू किया गया है। बिहार बोर्ड के पहले के शेड्यूल अनुसार नतीजों को मार्च-अप्रैल में ही जारी किया जाना था। बिहार बोर्ड की ओर से इंटर के नतीजे 24 मार्च को ही जारी कर दिए थे और उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में लॉकडाउन की भी घोषणा की थी।
BSEB: बिहार बोर्ड के बारे में जानिए
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड लोकप्रिय रूप से यानी बीएसईबी (BSEB) के नाम से जाना जाता है। BSEB एक प्राथमिक एजेंसी है जिसे माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्तर पर बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करने और संचालित करने का काम सौंपा गया है। सामान्य प्रवृत्ति के अनुसार, बोर्ड कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए वार्षिक मैट्रिक परीक्षा और फरवरी और मार्च के महीनों में कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए मध्यवर्ती परीक्षा आयोजित करता है। वार्षिक बोर्ड परीक्षाओं के अलावा, बीएसईबी सरकारी मानदंडों के अनुसार शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा, शारीरिक शिक्षा में प्रमाणपत्र और शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा भी आयोजित करता है।