बिहार: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश कुमार को पत्र लिख भ्रष्टाचार पर घेरा, जेडीयू ने माना गलत
By एस पी सिन्हा | Published: November 9, 2019 05:03 AM2019-11-09T05:03:17+5:302019-11-09T05:03:17+5:30
बताया जाता है कि डॉ. संजय जायसवाल ने ग्रामीण कार्य की एक योजना में 95 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया है. उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि लाखों रुपये की इस हेराफेरी को वैध रूप देने में इंजीनियरों के साथ कुछ राजनेता भी लगे हैं.
बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर सूबे में जारी भ्रष्टाचार लूट की पोल खोलकर रख दी है. जायसवाल ने आरोप लगाया है कि उनकी संसदीय क्षेत्र बेतिया में कई सड़कों के निर्माण में इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि जिन इलाकों में बाढ़ नहीं आई उसे भी बाढ़ग्रस्त दिखाकर पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है.
बताया जाता है कि डॉ. संजय जायसवाल ने ग्रामीण कार्य की एक योजना में 95 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया है. उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि लाखों रुपये की इस हेराफेरी को वैध रूप देने में इंजीनियरों के साथ कुछ राजनेता भी लगे हैं. जायसवाल ने सरकार से इस घटाले में शामिल अधिकारियों और ठेकेदार पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है.
उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के मझौलिया प्रखंड में थवइया-सिखइया सड़क में बिना काम कराए तीन बार अग्रिम भुगतान करने का आरोप लगाते हुए कुल 95 लाख रुपये के भुगतान की बात कही. उन्होंने कहा है कि ऐसी खामियां राज्य भर के 14 हजार ग्रामीण सडकों में मिलने की खबरें आ रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि बिहार में जहां कभी बाढ़ आई ही नहीं उसे भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र दिखाकर निर्माण को बाढ़ में बह जाने की बात कहकर फर्जीवाड़ा करते हुए पूरी राशि गबन करने के लिए किया जा रहा है. ऐसे में सड़क निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी बिना इंजीनियरों के मिलीभगत के नहीं हो सकती है.
उन्होंने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि आप जिस विधानसभा से आ रहे हैं, कृपया उस विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता की उच्चस्तरीय जांच ग्रामीण कार्य विभाग से करा लें तो कई खराब गुणवत्ता वाली सड़क के मामले प्रकाश में आएंगे, जिसमें अभियंताओं की संलिप्तता होगी.
उन्होंने अपने पत्र में उदाहरणस्वरूप मझौलिया प्रखंड अंतर्गत थवईया-सिखइया में सड़क निर्माण कार्य में गबन का तिथिवार ब्योरा दिया है. इसके तहत 14 दिसंबर, 2018 को 29 लाख 33 हजार 455 रुपये, 15 जनवरी, 2019 को 46 लाख 90 हजार 559 रुपये और 18 फरवरी, 2019 को 18 लाख 75 हजार 986 कुल 95 लाख के अग्रिम भुगतान की बात कही गई है. पत्र में आगे लिखा गया है कि सरकारी राशि का गबन करने वाले अभियंता समेत अन्य लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए.
यहां उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के सामने भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाला और कोई नही बल्कि बिहार भाजपा के अध्यक्ष हैं. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि उनके इस पत्र को मुद्दा बनाकर विपक्ष आने वाले दिनों में सरकार को घेरेगा. लेकिन भाजपा के नेताओं का कहना है कि जिला स्तर पर जिस प्रकार से भाजपा के सांसद और विधायकों की भूमिका को अधिकारी नजरअंदाज कर रहे हैं वैसे में उनकी करतूतों को उजागर करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है.
उनका ये भी कहना है कि यह पत्र जानबूझ कर मीडिया को लीक किया गया है, जिससे कि कोई इस बात से इनकार न कर सके. वहीं जदयू के नेताओं का कहना है कि शायद संजय जयसवाल भूल जाते हैं कि वो सरकार में सहयोगी हैं और उन्हें सहयोगी की मर्यादा का ख्याल नहीं था और वो जानबूझकर इसकी सीमा लांघ रहे हैं. इसतरह से अब भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने का काम करने जा रही है. संभाव है कि इससे दोनों दलों के बीच फिर से मनमुटाव वाली स्थिती पैदा हो जाये.