भोजपुर के जिलाधिकारी के पत्र से पुलिस महकमे में मची है खलबली, कानून-व्यवस्था को लेकर उठने लगे सवाल

By एस पी सिन्हा | Published: November 15, 2022 04:44 PM2022-11-15T16:44:46+5:302022-11-15T16:44:46+5:30

जिलाधिकारी भोजपुर के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को पत्र लिखने के सवाल पर पुलिस मुख्यालय गंभीर मुद्रा में है। भोजपुर जिलाधिकारी के पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय में खलबली है।

Bihar Bhojpur's District Magistrate's letter has created panic in the police department, questions are being raised regarding law and order | भोजपुर के जिलाधिकारी के पत्र से पुलिस महकमे में मची है खलबली, कानून-व्यवस्था को लेकर उठने लगे सवाल

भोजपुर के जिलाधिकारी के पत्र से पुलिस महकमे में मची है खलबली, कानून-व्यवस्था को लेकर उठने लगे सवाल

Highlightsजिलाधिकारी राजकुमार के द्वारा जिले के सभी अनुमंडल के मजिस्ट्रेट- पुलिस पदाधिकारियों को फील्ड में निकलने का फरमान दिये जाने के बाद मचा हडकंपपत्र में पुलिस की सक्रियता को लेकर सवाल पर पुलिस मुख्यालय गंभीर मुद्रा में हैहालांकि एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह ने कहा है कि पुलिस लगातार सक्रिय है

पटना: बिहार के भोजपुर जिले में अपराध बढ़ने पर जिलाधिकारी राजकुमार के द्वारा जिले के सभी अनुमंडल के मजिस्ट्रेट- पुलिस पदाधिकारियों को फील्ड में निकलने का फरमान दिये जाने के बाद हडकंप मच गया है। स्थिति ऐसी हो गई है इस मुद्दे पर आईएएस और आईपीएस संवर्ग में टकराव के हालात पैदा हो गये हैं।

जिलाधिकारी राजकुमार ने ‘हेड ऑफ द क्रिमिनल एडमिनिट्रेशन’ की पॉवर का खुद ही इस्तेमाल नहीं किया है बल्कि एसडीओ को भी बताया दिया है कि वह भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। अपराध पर अंकुश लगे, इसके लिए एसडीओ को भी सक्रिय होना होगा।

जिलाधिकारी भोजपुर के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को पत्र लिखने के सवाल पर पुलिस मुख्यालय गंभीर मुद्रा में है। भोजपुर जिलाधिकारी के पत्र के बाद पुलिस मुख्यालय में खलबली है। हालांकि कोई भी अधिकारी अभी खुलकर बोलने से बच रहा है, लेकिन अंदर से नाराजगी व्यक्त की जा रही है। 

एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह ने कहा है कि पुलिस लगातार सक्रिय है। भोजपुर में अपराध की रोकथाम के प्रयास के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की सिलसिले वार जानकारी दी। जानकार बताते हैं कि देशभर में यह परिपाटी है कि जिले की क्राइम मीटिंग पुलिस कप्तान यानि एसपी- एसएसपी करते हैं। लेकिन दिसंबर 2017 में उत्तर प्रदेश में एक जिले के डीएम ने ‘हेड ऑफ द क्रिमिनल एडमिनिट्रेशन’ की शक्ति का इस्तेमाल कर क्राइम मीटिंग की अध्यक्षता की थी। 

इस पर आईपीएस एसोसियेशन ने आपात बैठक बुलायी थी। अब भोजपुर के जिलाधिकारी राजकुमार ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आठ सूत्रीय दिशा-निर्देश देते हुए आदेश में दो टूक लिखा है कि विधि-व्यवस्था से जुड़े प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारियों द्वारा अपने दायित्व का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया जा रहा है। 

आदेश दिया है कि उनके (एसडीओ- एसडीपीओ) द्वारा थाना प्रभारी को निर्देशित किया जाये कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं को रोकें। ऐसे में पुलिस पदाधिकारी इसे अपने काम में दखलअंदाजी मान रहे हैं।

Web Title: Bihar Bhojpur's District Magistrate's letter has created panic in the police department, questions are being raised regarding law and order

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