Bihar Ki Taja Khabar: कोरोना का डर! सड़क पर गिरे थे 20 हजार रुपये, लोगों ने पुलिस को दी सूचना, फिर सामने आई ये सच्चाई

By मनाली रस्तोगी | Published: May 6, 2020 11:56 AM2020-05-06T11:56:52+5:302020-05-06T11:56:52+5:30

एक फर्जी खबर की वजह से बिहार के एक ऑटो चालक के खोए हुए 20,500 रुपए वापस मिल गए हैं। दरअसल, लोगों के बीच भ्रम फैला हुआ है कि नकदी कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ा रही है।

Bihar auto driver finds lost Rs 20,000 untouched due to fake news about coronavirus | Bihar Ki Taja Khabar: कोरोना का डर! सड़क पर गिरे थे 20 हजार रुपये, लोगों ने पुलिस को दी सूचना, फिर सामने आई ये सच्चाई

ऑटो चालक के मिले खोए हुए 20,500 रुपए (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsनकदी को लेकर फैली है फर्जी खबर, जिसमें नगदी को शक है कि ये कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ा रही हैफर्जी खबर की वजह से एक ऑटो चालक के खोए हुए 20,500 रुपए वापस मिल गए

मधेपुरा: एक ओर जहां कभी जमीन पर गिरे हुए पैसे वापस नहीं मिलते थे तो वहीं अब जानबूझकर नोटों से संक्रमण फैलाने की फर्जी खबर के कारण लोग पैसे उठाने को राजी नहीं है। ऐसा ही एक मामला बिहार के मधेपुरा से आया है। दरअसल, एक ऑटो चालक के 20,500 रुपये गिर गए थे लेकिन फिर उसे वो वापस भी मिल गए।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण अब लोग जमीन पर गिरे हुए पैसे उठाने से कतराते हैं। लोगों को कोविड-19 (COVID-19) संकट के बीच डर है कि नोट संक्रमण को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। सहरसा जिले के कोपा गांव के ऑटो चालक गजेंद्र शाह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लॉकडाउन के चलते शाह ने शनिवार को घर सुबह जल्दी छोड़ दिया था।

उन्हें महुआ बाजार से टिन-शेड खरीदना था, जिसकी वजह से वो घर से 20,500 रुपए लेकर निकले थे। मगर बाजार पहुंचने से पहले ही शाह को पता चला कि उनके रुपय कही गिर गए हैं। इंडिया टुडे को शाह ने बताया कि मैंने अपनी जेब से तम्बाकू खाने के लिए निकाला था, तभी मेरी जेब से पैसे कही गिर गए। मुझे ये सही से याद नहीं था कि पैसे कहां गिरे हैं, लेकिन जिस रास्ते से मैं आया था, मैं उसी रास्ते पर वापस गया। मगर यह व्यर्थ था। 

इसके बाद जब शाह अपने घर वापस पहुंचे, तब उनके पड़ोसियों ने उन्हें बताया कि फेसबुक पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें नजर आ रहा है कि कैसे उदाकिशुनगंज पुलिस ने कुछ नकदी बरामद की थी जो 'कोरोना वायरस के प्रसार को बढ़ा रही है'। दरअसल, लोग इस नगदी को छूने से डर रहे थे, जिसके कारण उन्होंने पुलिस को फोन किया और फिर पुलिस ने उस नगदी को जब्त कर लिया।

जब गजेंद्र शाह को पूरा मामला पता चला तब वो नगदी पर दावा करने के लिए उदाकिशुनगंज पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां पुलिस ने उनके दावे को सत्यापित किया और गवाहों को एक लिखित उपक्रम प्रस्तुत करने के लिए कहा। फिर जब पुलिस उनके दावे से संतुष्ट हो गई तो नगदी उन्हें सौंप दी गई। इस मामले में उदाकिशुनगंज पुलिस के इंस्पेक्टर कम स्टेशन हाउस ऑफिसर शशि भूषण सिंह ने इंडिया टुडे को बताया कि मंगलवार सुबह उन्हें एक फोन आया, जिसमें कुछ स्थानीय लोगों ने सड़क पर पैसे गिरे होने की बात बताई। 

लोग नगदी को छूने से डर रहे थे, इसलिए सिंह ने उनसे व्हाट्सएप पर तस्वीरें भेजने को कहा। सिंह ने ये भी बताया कि उन्हें सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर नगदी की जानकारी मिली थी, जिसके ढाई घंटे बाद गजेंद्र शाह थाने नगदी पर दावा करने आए थे। सिंह ने कहा कि जब हम उनके दावे से संतुष्ट हो गए तो गजेंद्र को पैसे सौंप दिए गए। 

Web Title: Bihar auto driver finds lost Rs 20,000 untouched due to fake news about coronavirus

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