बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का पेंच, भाकपा ने की 24 से अधिक सीटों पर दावेदारी

By एस पी सिन्हा | Updated: June 26, 2025 16:44 IST2025-06-26T16:44:36+5:302025-06-26T16:44:50+5:30

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने महागठबंधन कोआर्डिनेशन कमेटी के संयोजक और राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की मांग रखी है ताकि सीट बंटवारे पर चर्चा हो सके।

Bihar Assembly Elections: Seat sharing dispute in Mahagathbandhan, CPI claims more than 24 seats | बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का पेंच, भाकपा ने की 24 से अधिक सीटों पर दावेदारी

बिहार विधानसभा चुनाव: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का पेंच, भाकपा ने की 24 से अधिक सीटों पर दावेदारी

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने बिहार में 24 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी ठोक दी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने महागठबंधन कोआर्डिनेशन कमेटी के संयोजक और राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की मांग रखी है ताकि सीट बंटवारे पर चर्चा हो सके। डी. राजा ने पार्टी नेताओं के साथ तेजस्वी यादव से मुलाकात की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि तेजस्वी यादव से बिहार के नेताओं के साथ मुलाकात हुई। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा और वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीति पर भी चर्चा हुई है।

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी बिहार में मजबूत आधार रखती है, खासकर ग्रामीण और मजदूर वर्ग के बीच। इन सीटों पर हमारी जीत की संभावना मजबूत है और हम महागठबंधन के साथ मिलकर एनडीए को कड़ी चुनौती देंगे। उन्होंने तेजस्वी यादव से जल्द मुलाकात की मांग की है ताकि गठबंधन के साझा एजेंडे और सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सके। 

भाकपा ने जिन सीटों पर दावा किया है, उनमें तेघड़ा, बखरी, बछवाड़ा, हरलाखी, झंझारपुर, रूपौली, फुलवारीशरीफ, डुमरांव, गोह, बांका, बेलदौर, केसरिया, चनपटिया, मोतिहारी, जाले, बारिसनगर, सिकंदरा, खजौली, और करगहर जैसी विधानसभा सीटें शामिल हैं। 

इस बीच राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस मुलाकात को लेकर कहा कि डी. राजा भाकपा के बड़े नेता हैं और उनकी पार्टी महागठबंधन में शामिल है। महागठबंधन में शामिल सभी दल मिलकर 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हर दल को अधिकार है कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावा करे। इसमें कोई हर्ज नहीं है। सभी सीटों पर फैसला जल्द से जल्द हो जाएगा। 

बता दें कि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले), भाकपा, माकपा और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं। पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में भाकपा (माले) ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 पर जीत हासिल की थी, जो महागठबंधन में तीसरे सबसे बड़े घटक के रूप में उभरा था। इस बार भाकपा भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के मूड में है। 

भाकपा ने जिन सीटों पर दावा किया है, उनमें तेघड़ा, बखरी, और बछवाड़ा जैसे क्षेत्रों में उसका मजबूत जनाधार रहा है, खासकर अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़े वर्गों के बीच। इसके अलावा, फुलवारी शरीफ और डुमरांव जैसी शहरी और ग्रामीण मिश्रित सीटों पर भी पार्टी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है।

हालांकि, सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में चुनौतियां भी हैं। राजद और कांग्रेस के बीच पहले से ही सीटों की संख्या को लेकर खींचतान की खबरें हैं। राजद, जो महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक है, 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है, जबकि कांग्रेस ने 90 सीटों पर दावेदारी पेश कर दी है। 

वहीं, भाकपा (माले) ने भी 40-45 सीटों की दावेदारी की है। जबकि मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी 60 सीटों पर दावेदारी पेश कर रही है। ऐसे में भाकपा की 24 से अधिक सीटों की मांग गठबंधन के भीतर समीकरण को और जटिल बना सकती है। राजनीति के जानकारों के अनुसार अगर सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनी, तो महागठबंधन को नुकसान हो सकता है, जिसका फायदा एनडीए को मिल सकता है। 

इधर, तेजस्वी यादव और डी. राजा की मुलाकात पर जदयू के विधान पार्षद भीष्म सहनी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक न पहले एकजुट नहीं था और ना ही आगे रहेगा। इंडिया ब्लॉक में सहयोगी पिछलग्गू बने रहते हैं। राजद को कम से कम 140 से 150 सीट चाहिए और उनके गठबंधन के लोग अलग-अलग डफली बजा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा कि चुनाव के समय गठबंधन में शामिल दलों के नेता शिष्टाचारवश मिलते रहते हैं। महागठबंधन 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और हमारी सरकार बनेगी। 

उन्होंने कहा कि यह महागठबंधन के प्रेशर का ही नतीजा है कि 4 दिन में वृद्धा पेंशन और जीविका का भी पैसा बढ़ाने जा रहे हैं। प्रेशर में ऐसा न हो कि ब्रेन हेमरेज हो जाए। जबकि भाजपा विधान पार्षद नवल यादव ने कहा कि महागठबंधन में लालची लोगों का जमावड़ा है। इनका जनता से कुछ लेना-देना नहीं है। आपस में यह एक दूसरे को खींचने वाले हैं। यह चुनाव तक चलने वाला नहीं है। इन लोगों के बीच गृह युद्ध होने वाला है। ऐसे में बिहार विधानसभा का चुनाव बेहद रोचक होने वाला है, क्योंकि एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद है।

Web Title: Bihar Assembly Elections: Seat sharing dispute in Mahagathbandhan, CPI claims more than 24 seats

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