पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद महागठबंधन में वार-पलटवार के सुर उठने लगे हैं. महागठबंधन में सहयोगी पार्टी कांग्रेस और राजद एक दूसरे पर हमलावर नजर आ रहे हैं.
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी द्वारा कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा मंच गया है. महागठबंधन को मिली हार के लिए उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा है कि जब बिहार में चुनाव अपने पूरे शबाब पर था, तब राहुल गांधी शिमला में प्रियंका गांधी के फार्म हाउस पर पिकनिक मना रहे थे.
साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में प्रियंका गांधी ने कोई रैली नहीं की और ऐसे लोगों को प्रचार के लिए भेजा गया, जिन्हें यहां के बारे में कुछ पता ही नहीं था. चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर राजद नेता शिवानंद तिवारी के बयान के बाद अब कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने पलटवार किया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि शिवानंद तिवारी वरिष्ठ नेता हैं, ऐसे बयान देने से पहले सोचना चाहिए. कांग्रेस राजद नहीं है, राजद क्षेत्रीय पार्टी है और उसके नेता बिहार तक सीमित हैं. राहुल गांधी ने कहा था कि जब भी जरूरत होगी वह बिहार आएंगे और उन्होंने ऐसा किया. वह राजद के नेताओं की तरह काम नहीं कर सकते.
वहीं शिवानंद तिवारी के बयान पर राजद प्रवक्ता और सांसद मनोज झा ने सफाई देते हुए कहा कि तिवारी का बयान पार्टी का बयान नहीं था बल्कि वो उनका निजी बयान है. यहां बता दें कि राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बिहार चुनाव की हार का ठीकरा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर फोड़ा है. लेकिन शिवानंद तिवारी के बयान पर राजद खुद को अलग करती नजर आ रही है. मनोज झा ने कहा कि यह उनकी निजी राय है और पार्टी का रुख नहीं है.
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के आपसी तालमेल में कमी पर सही समय और सही जगह पर विश्लेषण किया जाएगा. यहां उल्लेखनीय है कि शिवानंद तिवारी ने यह कहकर सनसनी मचा दी है कि जब बिहार में चुनाव अपने चरम पर था, तब राहुल गांधी प्रियंका गांधी के साथ शिमला में पिकनिक मना रहे थे. क्या पार्टी ऐसे चलती है?
कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड रही है, उससे भाजपा को ही फायदा पहुंचा रही है. उन्होंने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लडा था, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं की. जो लोग बिहार को जानते नहीं थे, उनके हाथ में प्रचार की कमान थी. राहुल गांधी तीन दिन के लिए आए जबकि प्रियंका गांधी तो आईं भी नहीं. इस बयान के बाद महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने अपने तेवर और कडे़ कर लिये हैं.