विधानसभा चुनाव 2025ः तेजस्वी यादव से क्यों दूरी बना रहे राहुल गांधी?, एकला चलो पर काम, 6 जून को देंगे धार

By एस पी सिन्हा | Updated: June 5, 2025 17:38 IST2025-06-05T17:37:00+5:302025-06-05T17:38:12+5:30

विधानसभा चुनाव 2025ः पिछले पांच महीनों में राहुल गांधी का यह छठा बिहार दौरा हो रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस ‘अकेली उड़ान’ के माध्यम से बिहार में अपनी दमदार वापसी चाहती है?

bihar Assembly Elections 2025 Why Rahul Gandhi keeping distance Tejashwi Yadav work Ekla Chalo give boost on June 6 | विधानसभा चुनाव 2025ः तेजस्वी यादव से क्यों दूरी बना रहे राहुल गांधी?, एकला चलो पर काम, 6 जून को देंगे धार

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Highlightsविधानसभा चुनाव 2025ः नालंदा जिला ओबीसी और ईबीसी मतदाताओं का गढ़ माना जाता है।विधानसभा चुनाव 2025ः राजगीर में पिछड़ा- अति पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगे।विधानसभा चुनाव 2025ः कांग्रेस अब महागठबंधन के सहयोगी राजद से दूरी बनाती दिख रही है।

पटनाः बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बिहार में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इसी कड़ी में राहुल गांधी 6 जून को एक बार फिर बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जहां वह के नालंदा के राजगीर में पिछड़ा- अति पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पिछले पांच महीनों में राहुल गांधी का यह छठा बिहार दौरा हो रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस ‘अकेली उड़ान’ के माध्यम से बिहार में अपनी दमदार वापसी चाहती है? कारण कि कांग्रेस अब महागठबंधन के सहयोगी राजद से दूरी बनाती दिख रही है।

हालांकि यह सब ऊपरी तौर पर कहा नहीं जा रहा है, लेकिन तमाम गतिविधियां इसी ओर इशारा कर रही हैं। बता दें कि राहुल गांधी अपने राजगीर प्रवास के दौरान राहुल गांधी ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ और ‘शिक्षा न्याय संवाद’ के माध्यम से पिछड़ा एवं अति पिछड़ा मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेंगे। नालंदा जिला ओबीसी और ईबीसी मतदाताओं का गढ़ माना जाता है।

बिहार की कुल आबादी में ओबीसी और ईबीसी का हिस्सा करीब 36 प्रतिशत है, जो किसी भी गठबंधन की जीत के लिए निर्णायक है। राहुल गांधी इस दौरान नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों को उठाएंगे। जानकारों की मानें तो कांग्रेस की यह रणनीति बिहार में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश का हिस्सा है।

2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के तहत कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 सीटें जीत सकी थी। जिसके लिए राजद ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। इस बार खुद राहुल गांधी लगातार बिहार दौरे पर आ रहे हैं। ऐसे में यह संकेत देता है कि कांग्रेस महागठबंधन में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है, लेकिन साथ ही वह अपनी स्वतंत्र छवि भी बनाना चाहती है।

इस बीच राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच दूरी की चर्चाएं सियासी गलियारों में जोर पकड़ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव इस बार कांग्रेस को 30-40 सीटों से ज्यादा देने के मूड में नहीं हैं। जबकि कांग्रेस 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि कांग्रेस अपनी रणनीति को तेजस्वी के नेतृत्व पर निर्भर नहीं रहना चाहती।

हाल ही में तेजस्वी की ‘माई-बहिन मान योजना’ को कांग्रेस ने अपने बैनर तले लॉन्च कर विवाद खड़ा किया था, जिससे महागठबंधन में तनाव की स्थिति उजागर हुई थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की यह ‘अकेली उड़ान’ कांग्रेस को बिहार में नई पहचान दे सकती है।

अगर ऐसा होता है तो महागठबंधन के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इससे वोटों में बिखराव का सीधा लाभ एनडीए को मिल जा सकता है। 2020 में एआईएमआईएम के कारण मुस्लिम वोटों का बंटवारा हुआ था, जिससे राजद को नुकसान हुआ था। ऐसे में इस बार भी अगर कांग्रेस और राजद के बीच बात नहीं बनी तो इसका सीधा फायदा एनडीए को मिलना तय माना जा रहा है।

Web Title: bihar Assembly Elections 2025 Why Rahul Gandhi keeping distance Tejashwi Yadav work Ekla Chalo give boost on June 6

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