पटनाः बिहार में संपन्न विधानसभा चुनाव में कुल 66.91 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया। विधानसभा का चुनाव दो चरणों में मंगलवार को संपन्न हुआ। निर्वाचन आयोग ने इसकी जानकारी दी। आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल 243 सीटों पर 66.91 फीसदी मतदान हुआ जिसमें 62.8 प्रतिशत पुरुषों ने जबकि 71.6 फीसदी महिलाओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। आंकड़ों में कहा गया है कि प्रदेश में मतदान में महिलाओं की भागीदारी अधिक रही और पुरुषों की अपेक्षा करीब 8.8 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने इन चुनाव में मतदान किया। आयोग से प्राप्त अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में कुल 65.08 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत 69.04 और पुरुषों का प्रतिशत 61.56 रहा।
इसमें कहा गया है कि दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़कर 68.76 हो गया, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत 74.03 और पुरुषों का प्रतिशत 64.1 रहा। दोनों चरणों के कुल आंकड़े देखें तो महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 71.6 रहा, जबकि पुरूषों का प्रतिशत 62.8 रहा। राज्य के कुल 7,45,26,858 मतदाताओं में से 3,51,45,791 महिला और 3,93,79,366 पुरुष मतदाता थे।
यह आंकड़ा सेवा मतदाताओं, ट्रांसजेंडर एवं पोस्टल बैलेट को शामिल किए बिना जारी किया गया है। निर्वाचन आयोग के अनुसार अधिकारिक अंतिम आंकड़े बाद में साझा किए जाएंगे। राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडे ने बताया कि, "महिलाओं की बढ़ती भागीदारी लोकतंत्र के लिए उत्साहजनक है और यह राज्य की राजनीतिक राजनीतिक जागरूकता को दर्शाता है।
पांडे का मानना है कि नीतीश कुमार की “महिला सशक्तिकरण” नीतियों और केंद्र सरकार की योजनाओं ने ग्रामीण महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में 121 सीटों के लिए छह नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को हुई। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
बिहार में महिलाओं ने सुशासन के लिए राजग के पक्ष में ‘निर्णायक’ मतदान किया : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं द्वारा किया गया भारी मतदान एक ‘ऐतिहासिक परिवर्तन’ था। पार्टी ने दावा किया कि महिलाओं ने विकास और सुशासन के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में ‘निर्णायक रूप से’ मतदान किया।
भाजपा ने कहा, “2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन के लिए सत्ता-समर्थक रुझान भारतीय लोकतंत्र में एक नया आयाम बन गया है, एक ऐसा चलन जो पहले कभी नहीं देखा गया।” निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में कुल 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1951 में हुए पहले राज्य चुनावों के बाद से सबसे अधिक है।
राज्य के इतिहास में इस बार सबसे ज्यादा महिला मतदाताओं ने मतदान किया। निर्वाचन आयोग ने बताया कि छह नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 69.04 रहा, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 61.56 रहा। मंगलवार को हुए दूसरे और अंतिम चरण के मतदान में महिलाओं ने फिर से बड़ी संख्या में मतदान किया, जो 74.03 प्रतिशत रहा जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 64.1 रहा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने मतदाता आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, “ कुल पुरुष-महिला अनुपात महिलाओं के लिए 71.6 रहा, जबकि पुरुषों के लिए यह 62.8 रहा।
महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मतदान प्रतिशत से 7.48 प्रतिशत अधिक रहा। दूसरे चरण में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मतदान प्रतिशत से 9.93 प्रतिशत अधिक रहा।” उन्होंने कहा, “इसकी तुलना बिहार के पहले विधानसभा चुनाव (1952) से कीजिए, जब महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले छह प्रतिशत कम था।
यह बदलाव ऐतिहासिक है।” भंडारी ने कहा कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव आजादी के बाद से ‘सबसे ज़्यादा लैंगिक-समावेशी’ चुनाव रहा है। उन्होंने कहा, “बिहार में महिलाओं ने निर्णायक रूप से मतदान किया है। विकास और सुशासन में विश्वास रखने वाला ‘एम फैक्टर’ यानी ‘महिला फैक्टर’ असली बदलाव का कारक बनकर उभरा है।”
भाजपा नेता ने कहा, “राजनीतिक पंडितों को बिहार की राजनीति को सिर्फ जाति के चश्मे से देखना बंद करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सुशासन के लिए सत्ता-समर्थक रुझान भारतीय लोकतंत्र में एक नया आयाम बन गया है। यह एक ऐसा चलन है जो पहले कभी नहीं देखा गया।”