Bihar Elections 2020: दूसरे और तीसरे चरण के मतदान के दौरान सत्ता की चाबी होगी आधी आबादी के हाथों में, 2015 में महिला मतदाताओं का रहा था दबदबा
By एस पी सिन्हा | Published: October 31, 2020 09:26 PM2020-10-31T21:26:37+5:302020-10-31T21:26:37+5:30
प्रथम चरण के मतदान के बाद अब बाकी बचे दो चरणों में 172 सीटों पर मतदान होना है. इनमें से 107 सीटें ऐसी हैं, जिस पर 2015 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं का दबदबा था.
पटनाः बिहार विधानसभा के दूसरे और तीसरे चरण के मतदान में दलीय उम्मीदवारों की किस्मत आधी आबादी अर्थात महिलाओं के हाथों में होगी. प्रथम चरण के मतदान के बाद अब बाकी बचे दो चरणों में 172 सीटों पर मतदान होना है. इनमें से 107 सीटें ऐसी हैं, जिस पर 2015 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं का दबदबा था.
यानी 62 प्रतिशत सीटें ऐसी हैं, जहां पुरुषों से अधिक महिलाओं ने मत डाले थे. हालांकि महिला उम्मीदवारों की बात करें तो दूसरे चरण के तहत 94 सीटों पर होने जा रहे मतदान में उनकी संख्या मात्र 146 है. दूसरे चरण में 23 विधानसभा क्षेत्रों में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं है. दूसरे चरण में कुल सीटों में एक दर्जन सीट एससी के लिए आरक्षित हैं.
इस चरण में एक ट्रांसजेंडर भी चुनाव लड़ रहे हैं. वह गोपालगंज की हथुआ विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार है. यहां एक भी महिला मैदान में नहीं है. दूसरे चरण में कुल मतदाताओं की संख्या 2.86 करोड़ के करीब हैं. दूसरे चरण में सबसे अधिक सारण के 10 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे. वहीं, शिवहर में मात्र एक ही विधानसभा क्षेत्र है.
पटना में नौ विधानसभा क्षेत्रों बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर व फुलवारीशरीफ में भी तीन नवंबर को वोट डाले जायेंगे. जबकि पश्चिमी चंपारण की तीन, पूर्वी चंपारण में छह, शिवहर एक, सीतामढ़ी तीन, मधुबनी चार, दरभंगा पांच, मुजफ्फरपुर पांच, गोपालगंज छह, सीवान आठ, सारण 10, वैशाली छह, समस्तीपुर पांच, बेगूसराय सात, खगड़िया चार, भागलपुर पांच, नालंदा सात तथा पटना के नौ विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जायेंगे.
यहां बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी ओवरऑल महिला मतदाता वोट देने में आगे रही थीं. ओवरऑल 56.66 फीसद मतदान हुआ था. इसमें 53.32 फीसद पुरुष जबकि 60.32 फीसद महिलाओं ने मत डाले थे. पहले चरण की सीटों पर पुरुष, जबकि दूसरे और तीसरे चरण की सीटों पर महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा था. बिहार विधानसभा के पहले चरण में 71 सीटों पर चुनाव हो चुका है. इसमें भोजपुर, मगध और अंग के इलाकों की ज्यादातर सीटें थीं, जहां 90 प्रतिशत से अधिक पर पुरुष मतदाताओं का दबदबा रहा है.
पिछली बार इन 71 में महज सात पर ही महिलाएं आगे रही थीं. इसमें चार सीटें धौरैया, बाराचट्टी, रजौली और सिकंदरा सुरक्षित थीं. इसके अलावा कटोरिया, बेलहर और गोविंदपुर में महिलाएं आगे रही थीं. बाकी 64 सीटों पर पुरुषों ने अधिक मतदान किया था. इस बार भी पहले चरण की सीटों पर यह ट्रेंड लगभग कायम रहा. पहले चरण के चुनाव में 54.52 प्रतिशत पुरुष, जबकि 52.27 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान किया है. उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल की 80-90 प्रतिशत विधानसभा सीटों पर महिला मतदाता आगे हैं.
इसमें अधिसंख्य सीटें ग्रामीण और पिछडे इलाकों की हैं. इसमें पलायन भी एक बड़ा कारण है. रोजगार के लिए इन इलाकों के ज्यादातर पुरुष बडे शहरों में काम के लिए चले जाते हैं. महिलाएं ही घर पर रहती हैं. यह भी कारण है कि उत्तर बिहार और सीमांचल के इलाकों में महिलाओं का मतदान का प्रतिशत अधिक होता है. पिछले विधानसभा चुनाव के आंकडों पर गौर करें तो सबसे अधिक महिला मतदाता तीसरे चरण की सीटों पर प्रभावी हैं. इस चरण की 78 में 58 सीटों पर महिला मतदाता आगे रही हैं. तीसरे चरण में ही कोसी और सीमांचल के इलाके में मतदान होना है.
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार की 243 सीटों की विधानसभा में 114 सीटें ऐसी हैं, जहां महिला मतदाता आगे रही हैं. इनमें दो सीटें ऐसी भी हैं, जहां एक लाख से भी अधिक महिलाओं ने मतदान किया है. यह इसलिए भी रिकॉर्ड है क्योंकि किसी भी सीट पर पुरुषों ने एक लाख से अधिक मत नहीं डाले हैं.
मधुबनी की लौकहा में 1.02 लाख, जबकि कटिहार के बलरामपुर में 1.03 लाख महिला मतदाताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव में मतदान किया था. पटना की पांच जबकि भोजपुर की सभी सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ. इन सभी सीटों पर पुरुष मतदाता ही आगे रहे. दूसरे चरण में पटना की बची नौ और नालंदा की सभी सीटों पर मतदान होना है. इन सभी सीटों पर भी पुरुष मतदाता ही आगे रहे हैं. पटना में तो महिलाएं मतदान के मामले में बहुत पीछे रहती हैं.