नई दिल्लीः बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान के लिए 52,000 से अधिक मतदाताओं ने डाक मतपत्र का विकल्प चुना है।
इन मतदाताओं में अस्सी साल से अधिक उम्र वाले और दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को यह जानकारी दी। राज्य के 16 जिलों में फैले 71 चुनाव क्षेत्रों के बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) ने इन दोनों श्रेणियों के चार लाख से अधिक मतदाताओं से संपर्क किया था। निर्वाचन आयोग ने एक वक्तव्य में कहा कि इनमें से 52 हजार से अधिक मतदाताओं ने प्रथम चरण में डाक मतपत्र से मतदान का विकल्प चुना है।
बाकी मतदाताओं ने मतदान केंद्र पर जाने का निर्णय लिया है। आयोग ने कहा कि जिन्होंने इस सुविधा को चुना है उन्हें पूर्व सूचना देकर निर्वाचन अधिकारी द्वारा डाक मतपत्र उपलब्ध कराया जाएगा। आयोग ने कहा कि गोपनीयता, सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
प्रधानमंत्री के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के बीच की प्रतिद्वंद्विता का अंत होने के बाद 2017 में नीतीश की राजग में वापसी के बाद से दोनों नेताओं ने कई अवसरों पर मंच साझा किया है और एक दूसरे की प्रशंसा की है जिसमें पिछले साल का लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं।
भाजपा द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए राजग के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नीतीश का समर्थन किये जाने और राजग में नीतीश के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंकने वाले लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को यह संदेश देने से कि राजग गठबंधन में वही रहेंगे जो नीतीश कुमार के नेतृत्व को बिहार में स्वीकार करते हैं, से स्पष्ट संकेत गया है कि जदयू के राष्टीय अध्यक्ष को प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त है ।