नई दिल्लीः बिहार में भाजपा और जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले महागठबंधन में पड़ी दरार से महागठबंधन आस्तित्व ही खतरे में पड़ता नज़र आ रहा है।
जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पहले ही अपने अपने दलों के साथ महागठबंधन से नाता तोड़ चुके हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब कांग्रेस और आरजेडी के बीच भी आपसी मतभेदों की खाई गहरा गयी है जिससे इन दोनों दलों के बीच फूट के आसार नज़र आ रहे हैं।
कांग्रेस ने प्रारंभिक बातचीत में सत्तर सीटों पर अपने उमीदवार खड़े करने की पेशकश आरजेडी से की थी, जिसके लिए आरजेडी तैयार नहीं थी। कांग्रेस से मिली ताज़ा खबरों के अनुसार पार्टी ने चुनाव समिति की बैठक में 242 उम्मीदवारों सूची तैयार कर ली है, ताकि गठबंधन टूटने पर तुरंत उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जा सके।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने निजी बातचीत में इशारा किया कि भारतीय जनता पार्टी के दवाब में आरजेडी इस गठबंधन को तोड़ने की फिराक में हैं ताकि लालू यादव और मीसा भारती के खिलाफ चल रहे मामलों से निजात मिल सके।
इस नेता का यह भी कहना था कि अब पूरा मामला लालू प्रसाद यादव पर निर्भर करता है कि वे तात्कालिक लाभ चाहते हैं या दूरगामी राजनीति। गठबंधन टूटने से दोनों दलों को भारी नुक्सान होने की संभावना है लेकिन भविष्य की राजनीति की दृष्टि से गठबंधन का टूटना दोनों दलों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोयल सोनिया गांधी से आज मुलाकत कर पटना के लिए रवाना हो रहे हैं जहाँ वे कल उन उम्मीदवारों के नाम घोषित करेंगे जो पिछले चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनकर आये थे।
माना जा रहा है कि अगले 72 घंटों में लालू यादव् को फैसला करना होगा कि वे कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहते हैं या नहीं, क्योंकि उसके बाद कांग्रेस बारी-बारी से अपने शेष उम्मीदवारों की सूची जारी कर देगी।हालाँकि पार्टी ने कल से चुनाव प्रचार शुरू करने का निर्णय किया है जिसके तहत सोनिया गाँधी कल पहली वर्चुअल रैली को सम्बोधित करेंगी।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि बिहार के लिए राहुल की फिलहाल 30-35 रैलियां प्रस्तावित हैं जिनकी संख्या बढ़ भी सकती है। बिहार विशान परिषद् के चुनाव भी हो रहे हैं जिसमें कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को उतारने पर अड़ी है लेकिन आरजेडी समझौता न होने पर कांग्रेस के सामने नया संकट खड़ा कर सकती है।