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बिहार विधानसभा चुनावः 10 लाख नौकरी पर एनडीए और महागठबंधन में रार, सुशील मोदी बोले- 58000 करोड़ कहां से लाएंगे

By एस पी सिन्हा | Updated: October 21, 2020 15:40 IST

बिहार विधानसभा चुनावः तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के दावे पर सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि 10 लाख नौकरी देने की डपोरशंखी घोषणाओं के लिए अतिरिक्त 58 हजार करोड़ आखिर कहां से विपक्ष लाएगा?

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ठळक मुद्देसरकार बनी तो पहली कैबिनेट से ही 10 लाख नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा. विपक्ष के इस ऐलान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सवाल उठा चुके हैं.दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिया जाए तो राज्य के खजाने पर 58,415.06 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पडे़गा.12 लाख से ज्यादा कर्मियों के वेतन मद में होने वाले खर्च 52,734 करोड़ को इसमें जोड़ लें तो यह राशि 1,11,189.06 करोड़ होती है.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में बेरोजगारों को रोजगार देने का मुद्दा गर्माया हुआ है. तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि अगर सरकार बनी तो पहली कैबिनेट से ही 10 लाख नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा. विपक्ष के इस ऐलान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सवाल उठा चुके हैं.

मुख्यमंत्री तो यहां तक कह चुके हैं कि 10 लाख लोगों को नौकरी तो देंगे और पैसा क्या जेल से आयेगा? इसके बाद अब उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आंकड़ों के माध्यम से विपक्ष को घेरा है. तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के दावे पर सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि 10 लाख नौकरी देने की डपोरशंखी घोषणाओं के लिए अतिरिक्त 58 हजार करोड़ आखिर कहां से विपक्ष लाएगा?

झांसा देकर वोट लेने के मकसद से विपक्ष मतदाताओं से ऐसा वायदा कर रहा है, जिसे वह कभी पूरा ही नहीं कर पाएगा. उन्होंने कहा कि यदि वास्तव में दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिया जाए तो राज्य के खजाने पर 58,415.06 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पडे़गा.

इसके अलावा पूर्व से कार्यरत 12 लाख से ज्यादा कर्मियों के वेतन मद में होने वाले खर्च 52,734 करोड़ को इसमें जोड़ लें तो यह राशि 1,11,189.06 करोड़ होती है. जब विपक्ष वेतन पर ही बजट का अधिकांश भाग खर्च करेगा, तो फिर पेंशन, छात्रवृत्ति, साइकिल, पोशाक, मध्याह्न भोजन, कृषि अनुदान, फसल सहायता, पुल-पुलिया, सड़क, बिजली आदि तमाम योजनाओं के लिए पैसे कहां से आयेंगे? वर्तमान में बजट का आकार 2,11,761 करोड़ का है, अगर वेतन में ही 1 लाख 11 हजार करोड़ रु. खर्च होगा तो फिर ब्याज, पुराने कर्ज के भुगतान सहित अन्य 1,28,979 करोड के प्रतिबद्ध व्यय के लिए राशि कहां से आयेंगी? ऐसे में विकास के सारे काम को विपक्ष बंद करना चाह रहा है. 

सुशील मोदी ने कहा कि 2.50 लाख शिक्षकों और 50 हजार कॉलेज शिक्षकों की नियुक्ति पर वेतन मद में 20,352.66 करोड़, 95 हजार पुलिस बहाली पर 3604.22 करोड़, 75 हजार इंजीनियर (जेई) बहाली पर 5,780.43 करोड़ व दो लाख अनुसेवकों की नियुक्ति पर वेतन मद में सालाना 6,406.80 करोड़ यानी कुल 58,415.06 करोड का खर्च आएगा.

विपक्ष के झूठे वायदों के अनुसार अगर 1.25 लाख चिकित्सक और 2.50 लाख पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति होती है तो वेतन पर 22,270.95 करोड़ खर्च होगा. दरअसल, झांसा देकर वोट लेने के मकसद से विपक्ष मतदाताओं से ऐसा वायदा कर रहा है, जिसे वह कभी पूरा ही नहीं कर पाएगा.

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