पटना: कोविड-19 महामारी के बीच इस साल अक्ट्रबर-नवंबर में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले महागठबंधन को झटका लगा है। जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), महागठबंधन से अलग हो गई है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि जीतन राम मांझीजेडीयू के साथ हाथ मिला सकते हैं। पिछले कई दिनों से इस बात की चर्चा थी कि जीतन राम मांझी जेडीयू में जल्द ही वापसी कर सकते हैं। हालांकि इस बात पर अभी कोई अधिकारिक सूचना नहीं आई है।
'हम' प्रवक्ता ने कहा, 2 से 3 दिनों में किसी पार्टी में जाने का लिया जा सकता है फैसला
बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी के नेतृत्व में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में महागठबंधन से अलग होने का यह फैसला लिया गया। बैठक में पार्टी के प्रधान महासचिव संतोष मांझी भी मौजूद थे। 'हम' प्रवक्ता दानिश रिजवान ने महागठबंधन से अलग होने की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि आने वाले दो से तीन दिनों में किसी और पार्टी में जाने पर फैसला किया जाएग।
पार्टी की कोर कमिटी की बैठक के बाद हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी महागठबंधन से अलग हो गई है। इसके पीछे की वजह उन्होंने दी है कि महागठबंधन में निरंतर उपेक्षा की जा रही थी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।
महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी ने दी प्रतिक्रिया
महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी ने कहा, आज की बैठक में यह तय हुआ है कि हम महागठबंधन से अलग हो रहे हैं। हालांकि किसी पार्टी में जाने की बात पर उन्होंने फिलहाल कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा है कि इस बारे में आपको पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता ही बताएंगे। वह अभी इस मामले पर कुछ भी नहीं कहेंगे।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू चाहती है कि जीतन राम मांझी की पार्टी हम पूरी तरह से जेडीयू में मिल जाए। लेकिन कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं होता है तो हम पार्टी जेडीयू के सामने कुछ सीटों पर समझौते का फॉर्मूला रख सकती है।