भोपाल गैस त्रासदी : 5,63,124 मामलों में मूल मुआवजे के रूप में 1517.89 करोड़ रूपये दिये गए

By भाषा | Published: May 18, 2021 11:15 AM2021-05-18T11:15:07+5:302021-05-18T11:15:07+5:30

Bhopal Gas Tragedy: Rs 1517.89 crore given as basic compensation in 5,63,124 cases | भोपाल गैस त्रासदी : 5,63,124 मामलों में मूल मुआवजे के रूप में 1517.89 करोड़ रूपये दिये गए

भोपाल गैस त्रासदी : 5,63,124 मामलों में मूल मुआवजे के रूप में 1517.89 करोड़ रूपये दिये गए

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 18 मई दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिक हादसों में शुमार भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों से संबंधित कल्याण आयुक्त कार्यालय ने मार्च 2021 तक पंचाट संबंधी 5,63,124 मामलों में मूल मुआवजे के रूप में 1517.89 करोड़ रूपये प्रदान किये हैं । रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग द्वारा कैबिनेट के लिये तैयार मार्च महीने की सार संक्षेप रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है ।

विभाग ने कहा है कि कल्याण आयुक्त ने 31 मार्च 2021 तक अनुग्रह राशि से जुड़े 62,527 मामलों पर फैसला किया जिनमें से उन्होंने 51,034 मामले पंचाट के रूप में मंजूर किये और 11,493 मामलों को रद्द किया । इसमें 51,034 दावेदारों को अनुग्रह राशि के रूप में 853.23 करोड़ रूपये मंजूर किये गए ।

रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग के अनुसार, मार्च महीने में 145 मामलों में 2.19 करोड़ रूपये वितरित किये गए ।

इस बीच, भोपाल गैस त्रासदी के 36 वर्ष गुजरने के बाद भी पीड़ितों के, अनुग्रह राशि के दावे वाले आवेदन अभी भी प्राप्त हो रहे हैं। हालांकि सरकार ने ऐसे आवेदन देने के लिये कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है ।

लोकसभा में 11 फरवरी को पेश रसायन एवं उर्वरक संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का कहना है कि जब तक अपील एवं पुनरीक्षण अपील पर सक्षम अदालत फैसला नहीं करतीं, तब तक अनुग्रह राशि के दावों के निपटान की कोई संभावित तारीख नहीं दी जा सकती ।

समिति को बताया गया कि 29 फरवरी 2020 तक पीड़ितों के अनुग्रह राशि का दावा करने वाले 21,200 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 14,779 मामले कैंसर और 6420 मामले गुर्दे काम करना बंद करने से संबंधित हैं ।

सरकार ने कहा, ‘‘ भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के दावों का निपटारा भोपाल गैस लीक आपदा (दावा प्रक्रिया) अधिनियम 1985 और इसके तहत बनाई गई योजना के माध्यम से किया जाता है और जब तक अपील एवं पुनरीक्षण अपील पर सक्षम अदालत फैसला नहीं करतीं, तब तक अनुग्रह राशि के दावों के निपटान की कोई संभावित तारीख नहीं दी जा सकती। ’’

इस अधिनियम के तहत दावेदार शुरूआती चरण में उन्हें दी गई श्रेणी को चुनौती दे रहे हैं, इसलिये मामलों की मूल स्वीकृति के बाद कई दावेदारों ने श्रेणी में परिवर्तन करने के लिये मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय तथा अतिरिक्त कल्याण आयुक्त/कल्याण आयुक्त की अदालत में अपील एवं पुनरीक्षण याचिका दायर की हैं ।

बहरहाल, भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये अतिरिक्त कोष की मांग करने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है ।

गौरतलब है कि दिसंबर 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के संयंत्र में गैस रिसाव के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई थी ।

संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले करीब साढ़े तीन दशक से भोपाल के यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) परिसर में पड़े विषाक्त कचरे के निस्तारण और उस क्षेत्र की सफाई के लिये उपचारात्मक कदम उठाने में हो रहे विलंब से समिति अत्यंत दुखी है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ समिति विभाग से आग्रह करती है कि वह निर्धारित समय में इस विषाक्त कचरे एवं इस क्षेत्र की सफाई हेतु तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने के लिये उच्च स्तर पर इस विषय को मध्यप्रदेश सरकार के साथ उठाए। ’’

सरकार ने समिति को बताया कि इस बारे में मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई थी । बैठक में यह निर्णय किया गया कि प्रदेश सरकार जहरीले कचरे के निपटान संबंधी मामले को उच्चतम स्तर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ उठायेगी।

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Web Title: Bhopal Gas Tragedy: Rs 1517.89 crore given as basic compensation in 5,63,124 cases

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