ऐसे छापामारी हुई जैसे मैं कोई आतंकवादी हूँ, चुप कराने के लिए UAPA का हो रहा है दुरुपयोग: आनंद तेलतुंबड़े
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 29, 2018 07:38 PM2018-08-29T19:38:28+5:302018-08-29T19:38:28+5:30
महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को देश भर के छह शहरों में 10 बुद्धिजीवियों के घरों पर छापे मारे और 5 को गिरफ्तार किया।
नयी दिल्ली, 29 अगस्त: मानवाधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े ने आज कहा कि सरकार चुनिंदा बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं को लक्षित करके लोगों को ‘‘चुप’’ और आतंकित करने के के वास्ते कठोर प्रावधानों वाले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) कानून का ‘‘दुरूपयोग’’ कर रही है।
महाराष्ट्र पुलिस ने कल कोरेगांव - भीमा गांव में हुई हिंसा की जांच के तहत कई राज्यों में यह छापेमारी की थी और पांच प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि पिछले साल 31 दिसंबर को पुणे हुए एलगार परिषद कार्यक्रम के बाद यह हिंसा हुई थी।
माओवादियों के साथ संबंध होने के संदेह में कल कुछ वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ ही तेलतुंबड़े के घर पर भी छापेमारी की गई थी।
तेलतुंबड़े ने एक बयान में आग्रह किया कि उनके जैसे निर्दोष लोगों के ‘‘उत्पीड़न और शोषण’’ का न्यायपालिका संज्ञान लें। उन्होंने उन परिस्थितियों के बारे में बताया जिनमें गोवा में उनके आवास पर छापे की कार्रवाई गई थी।
वरिष्ठ प्रोफेसर तेलतुंबड़े ने कहा कि उन्हें उनके घर पर छापेमारी के बाद इस बारे में पता चला। उन्होंने कहा,‘‘उन्होंने मेरे बारे में पूछताछ की और वे मुख्य द्वार से एक सुरक्षाकर्मी को घर दिखाने के लिए ले गये। दूसरे द्वार पर उन्होंने यहीं दोहराया और वे सभी सेल फोन ले गये और मेरे घर की तरफ आने वाली फोन लाइन को काट दिया। उन्होंने चाबियां लेने के लिए सुरक्षा गार्ड को धमकी दी।’’
उन्होंने बयान में कहा,‘‘पूरी प्रक्रिया को इस तरह अंजाम दिया गया जैसे मैं कोई कुख्यात आतंकवादी या अपराधी था।’’