प्रकाश जावडेकर ने पेश की सफाई, कहा-‘भीख का कटोरा’ भाषण के दौरान अनजाने में इस्तेमाल हो गया
By भाषा | Published: September 17, 2018 04:12 AM2018-09-17T04:12:41+5:302018-09-17T04:12:41+5:30
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को कहा कि वह अपने उस भाषण से दो अनपयुक्त शब्द ‘भीख का कटोरा’ वापस लेना चाहते हैं
नई दिल्ली, 17 सितंबर: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को कहा कि वह अपने उस भाषण से दो अनपयुक्त शब्द ‘भीख का कटोरा’ वापस लेना चाहते हैं जिसमें उन्होंने इस बात का पक्ष लिया था कि शिक्षण संस्थान सरकारी मदद के अलावा अपने पूर्व छात्रों से मदद मांगे।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि वह अपने इन शब्दों को वापस लेना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को पुणे में एक स्कूल में उनके भाषण के दौरान ‘अनजाने में’ इन शब्दों का इस्तेमाल हो गया था।
उन्हें खबरों में यह कहते हुए उद्धृत किया गया था, ‘‘दरअसल ये किसी भी संस्थान के पूर्व छात्र होते हैं जो अपने शिक्षण संस्थान को वापस लौटाते हैं लेकिन कुछ ऐसे स्कूल हैं जो मदद की मांग करते हुए कटोरा लेकर सरकार के पास पहुंचते रहते हैं।’’
जावडेकर ने एक बयान में कहा, ‘‘मेरे भाषण को गलत तरीके से पेश किया गया। सरकार बड़े पैमाने पर शिक्षा में निवेश कर रही है और पिछले चार सालों में बजटीय प्रावधानों में 70 फीसद की वृद्धि की गयी है। उसी के साथ पूर्व छात्रों को भी स्कूलों और कॉलेजों के विकास में योगदान करने की जरुत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर में यह परिपाटी है। मेरा मतलब यह नहीं था कि सरकार मदद नहीं करेगी। मेरा बस यह तात्पर्य था कि सरकारी मदद के अलावा पूर्व छात्रों को भी मदद के लिए आगे आना चाहिए।