नई दिल्ली, 2 अप्रैलः एससी/एसटी ऐक्ट मामले को लेकर सोमवार को 'भारत बंद' के दौरान मचा बवाल खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया। राजस्थान से लेकर, मध्यप्रदेश, बिहार और पंजाब तक इसने उग्र रूप धारण कर लिया, जिसमें करीब 5 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। दलित संगठनों और उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया। उनका यह बवाल एससी/एसटी एक्ट को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर हुआ है। इस दौरान ट्विटर पर कई लोगों ने इस हिंसा पर सवाल खड़े किए हैं।
शिवानी नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया 'रामायण वाल्मीकि ने लिखी, महाभारत वेदव्यास ने लिखा, दोनों दलित थे। मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है, भारत बंद करने से नहीं।'
सर अजय देवगन नाम ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया 'देश के कई हिस्सों से हिंसा और तोड़फोड़ की तस्वीरें आ रही हैं। निजी और सरकारी सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई कौन करेगा? हिंसा पर उतारू इन लोगों से कोई पूछे ये SC/ST ऐक्ट क्या होता है।'
सिमरन सिंह ने ट्वीट किया 'ये किस तरह का भारत बंद है, देखिए किस तरह भीमसेना के गुंडों ने निर्दोष लोगों के बीच एक फूल सी बच्ची को भी अपनी दरिंदगी का शिकार बना दिया, देश बर्बाद कर रहे हैं ये लोग।'
इमरान प्रजापति ने ट्वीट किया 'दलित भाइयों ने जब-जब सड़कों पर उतरकर जुल्म और ज्यादती के खिलाफ आवाज उठाई है तब-तब उसकी गूंज से निकम्मी और नकारा सरकारों में खलबली मची है, मुझे पूरी उम्मीद है की आज का ये #BharatBandh देश के इतिहास के सफलतम दलित आंदोलनों में से एक साबित होगा।'
इधर, केंद्र सरकार ने एससी/एसटी ऐक्ट ( SC/ST Act) पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट SC/ST एक्ट पर फैसला सुनाया था। जिसपर पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए केंद्र सरकार ने तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने और अग्रिम जमानत को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का तमाम दलित संगठन समेत कई राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। खुद बीजेपी के कई नेताओं ने इस फैसले पर पूर्नविचार की सिफारिश की थी।