कर्नाटक में अब स्कूलों में पढ़ाई जा सकती है भगवद गीता, रामायण और महाभारत, राज्य के शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 18, 2022 03:54 PM2022-03-18T15:54:46+5:302022-03-18T16:15:46+5:30

राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की कमेटी बनानी होगी। जो तय करेंगे कि नैतिक शिक्षा में कौन से विषय होने चाहिए। बच्चों पर जो अच्छा प्रभाव डालता है, उसे पढ़ाना शुरू किया जा सकता है-चाहे वो भगवद गीता हो, रामायण हो या महाभारत हो।

Bhagavad Gita is for all, says Karnataka education minister BC Nagesh | कर्नाटक में अब स्कूलों में पढ़ाई जा सकती है भगवद गीता, रामायण और महाभारत, राज्य के शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत

कर्नाटक में अब स्कूलों में पढ़ाई जा सकती है भगवद गीता, रामायण और महाभारत, राज्य के शिक्षा मंत्री ने दिए संकेत

Highlightsराज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की कमेटी बनानी होगीकर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने भगवद गीता को बताया सबके लिए

बेंगलुरु: कर्नाटक में बच्चों के सिलेबस में भगवद गीता, रामायण और महाभारत को शामिल किया जा सकता है। इन्हें नैतिक शिक्षा के रूप में बच्चों को पढ़ाया जा सकता है। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने इसको लेकर कहा कि भगवद गीता केवल हिंदुओं के लिए नहीं है, यह सभी के लिए है। जानकारों की माने तो इसे स्कूल में जरूर पढ़ाया जाना चाहिए। पहले हमें तय करना है कि नैतिक शिक्षा को स्कूल में फिर से शुरू करना है या नहीं।

राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों की कमेटी बनानी होगी। जो तय करेंगे कि नैतिक शिक्षा में कौन से विषय होने चाहिए। बच्चों पर जो अच्छा प्रभाव डालता है, उसे पढ़ाना शुरू किया जा सकता है-चाहे वो भगवद गीता हो, रामायण हो या महाभारत हो।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा हमने नैतिक विज्ञान को 'वर्षों से छोड़ दिया' था। हमने स्कूलों में नैतिक विज्ञान का अध्ययन किया है। अब, माता-पिता को लगता है कि इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। फिलहाल हमने इसके बारे में नहीं सोचा है, लेकिन हम इसे भविष्य में पेश करना चाहते हैं। नैतिक विज्ञान में विषय विशेषज्ञों द्वारा तय किए जाएंगे।"

उन्होंने कहा, वेद व्यास द्वारा लिखित, भगवद गीता, जिसे गीता भी कहा जाता है, महाभारत युद्ध की शुरुआत से ठीक पहले भगवान कृष्ण और पांडव राजकुमार अर्जुन के बीच बातचीत का वर्णन करती है। ग्रंथ महाकाव्य महाभारत का एक हिस्सा है। बता दें कि इससे पहले गुजरात में भी भगवद गीता को कक्षा 6 से 12 के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम के रूप में उन्हें पढ़ाने की बात कही जा रही है। 

Web Title: Bhagavad Gita is for all, says Karnataka education minister BC Nagesh

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