West Bengal Doctors’ Strike: एनआरएस अस्पताल में बुजुर्ग की मौत और हिंसा शुरू होने की पूरी कहानी

By आदित्य द्विवेदी | Published: June 16, 2019 09:58 AM2019-06-16T09:58:44+5:302019-06-16T09:58:44+5:30

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज हलकान हैं। इस मामले में अभी तक आपने डॉक्टरों का पक्ष सुना है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने उस मृतक के परिजनों का पक्ष जाना जिसकी मौत के बाद बंगाल में हिंसा शुरू हुई थी। पढ़िए पूरा मामला...

Bengal Doctors’ Strike: kin of deceased explain the whole backdrop story of violence | West Bengal Doctors’ Strike: एनआरएस अस्पताल में बुजुर्ग की मौत और हिंसा शुरू होने की पूरी कहानी

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के हड़ताल के चलते मेडिकल व्यवस्था ठप हो गई है.

Highlightsपश्चिम बंगाल में रविवार को डॉक्टरों की हड़ताल का छठवां दिन है।एनआरएस अस्पताल में मोहम्मद सईद की मौत के बाद ही हिंसा हुई थी।

पश्चिम बंगाल में रविवार को डॉक्टरों की हड़ताल का छठा दिन है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैकफुट पर आ गई हैं और बातचीत को तैयार हैं। डॉक्टरों से मारपीट के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस बीच मृतक मोहम्मद सईद (75) के परिजनों का कहना है कि उन डॉक्टरों को सजा क्यों नहीं दी जा रही है जिन्होंने प्रताड़ित किया। गौरतलब है कि कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में मोहम्मद सईद की मौत के बाद ही हिंसा हुई थी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की है।

क्या बोले मृतक के परिजन

मृतक सईद के पोते तैय्यब हुसैन ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में दोषियों को सजा देने की बात कही। उन्होंने कहा, 'हमने अपने परिवार का सदस्य खोया। डॉक्टरों ने हमें भी पीटा और इसका सबूत सीसीटीवी फुटेज में मिल जाएगा। हमारे पांच पड़ोसी गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं। लेकिन डॉक्टरों का क्या? दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, चाहे वो हमारे पड़ोसी हों या डॉक्टर। हमें पत्थरबाजी में घायल डॉक्टरों का दुख है। हम उनके जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं। लेकिन हड़ताल भी खत्म करने की जरूरत है। हजारों मरीज हलकान हैं।'

कैसे शुरू हुआ विवाद

मृतक के परिजनों ने दावा किया है कि सईद रविवार (9 जून) को बेहोश हो गए थे। उन्हें एनआरएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार की शाम पांच बजे एक डॉक्टर की कॉल के बाद वो अस्पताल पहुंचे। सईद के पोते तैय्यब ने बताया कि दादा हांफ रहे थे। ऐसे में घर के किसी सदस्य ने डॉक्टर का हाथ खींचा और इलाज करने के लिए कहा। 

उन्होंने कहा कि जब हम सीनियर डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने हमें बाहर निकाल दिया। मेरे दादा की मौत हो गई लेकिन डॉक्टरों ने शव देने से मना कर दिया। मैंने दो बार माफी मांगी। लेकिन उन्होंने एक ना सुनी और हॉकी-डंडा लेकर हमारा पीछा करने लगे। इसके बाद हमारे घर के आस-पास के और लोग इकट्ठा हो गए और करीब आधी रात को संघर्ष शुरू हो गया।

डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने के आसार

पश्चिम बंगाल में जारी गतिरोध के दूर होने के आसार शनिवार रात नजर आए जब आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वे प्रदर्शन खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत को तैयार हैं लेकिन मुलाकात की जगह वे बाद में तय करेंगे।

इससे पहले शाम में उन्होंने राज्य सचिवालय में बनर्जी के साथ बैठक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और इसकी बजाए उनसे गतिरोध सुलझाने को लेकर खुली चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने को कहा था। शनिवार देर रात जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया।

Web Title: Bengal Doctors’ Strike: kin of deceased explain the whole backdrop story of violence

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