मध्यप्रदेश चुनाव: बीजेपी नेताओं और कार्यकताओं को अमित शाह ने लगाई फटकार, कांग्रेस ने भी कही ये बात
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 13, 2018 04:57 PM2018-09-13T16:57:13+5:302018-09-13T16:57:13+5:30
कांग्रेस ने भी प्रवक्ताओं की बैठक की और जिला स्तर के प्रवक्ताओं से कहा कि वे केवल लेटरपेड और विजिटिंग कार्ड तक सीमित न रहें।
भोपाल, 13 सितंबर: लोस सेवा विधानसभा चुनाव को लेकर गर्माते राजनीतिक माहौल में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की ओर से बयानों को लेकर हो रही फजीहत को देख पार्टियों ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रवक्ताओं को नसीहत दे दी है। भाजपा ने साफ कहा है कि जिसे यह जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं बोले और बयान दे। मीडिया में हर कोई प्रवक्ता न बने।
दोनों दल इस बात से चिंतित
भाजपा और कांग्रेस दोनों की दलों के नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी के बाद उठ रहे सवालों से दल चिंतित हो गए हैं। इसके चलते अब प्रवक्ताओं पर नकेल कसनी शुरु कर दी है। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने मामले को गंभीरता से लिया प्रवक्ताओं पर नाराजगी जताई।उन्होंने प्रदेश भाजपा कार्यालय में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान प्रवक्ताओं के अलावा बयानबाजी करने वाले नेताओं को दो टूक कहा कि हर कोई प्रवक्ता बनकर बयानबाजी न करे।
वही बोले, जिनको अधिकार है
जो प्रवक्ता है वहीं बोले। उन्होंने खुद का उदाहरण दिया और बताया कि बीते दिनों दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मध्यप्रदेश के मीडिया ने उनसे कई बार बयान देने को कहा, मगर वे मौन रहे। उन्होंने कहा कि उस बैठक में राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को बोलना का दायित्व था, हमें नहीं बोलना चाहिए था, इसलिए हमने किसी से कोई बातचीत नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनाव होने हैं, इस स्थिति में हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम जो बोले सोच-समझ कर बोले और ऐसा बोले जिससे पार्टी की छवि को नुकसान न हो। इसके बाद भी इस तरह की बयानबाजी होने की बात सामने आती है तो पार्टी इसे गंभीरता से लेगी।
लेटरपेड और विजिटिंग कार्ड तक सीमित न रहें
वहीं कांग्रेस ने भी प्रवक्ताओं की बैठक की और जिला स्तर के प्रवक्ताओं से कहा कि वे केवल लेटरपेड और विजिटिंग कार्ड तक सीमित न रहें। पार्टी ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उसका निर्वाह करें। प्रवक्ताओं की बैठक मीडिया सेल की अध्यक्ष शोभा ओझा ने ली। उन्होंने कहा कि कई जिलों से शिकायत मिली है कि प्रवक्ता जिला अध्यक्षों से तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं। यह उचित नहीं है। सभी को मिलकर काम करना होगा।
ओझा ने कहा कि जिलों में जिले के मुद्दों को गंभीरता से उठाएं और जो मुद्दे बड़े हैं, उन्हें प्रदेश कार्यालय सबूत के साथ भेजें। हमें जो भी बात कहनी है या मीडिया में रखनी है, वह तथ्यों और दस्तावेजों के साथ होनी चाहिए। बैठक में प्रवक्ताओं से कहा गया कि पार्टी में कोई बड़ा-छोटा नहीं है, सभी समान हैं। सभी को मिलकर काम करना है।