कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पिता भी रह चुके हैं सीएम, येदियुरप्पा सरकार में संभाल रहे थे कई अहम मंत्रालय
By अभिषेक पारीक | Published: July 27, 2021 09:09 PM2021-07-27T21:09:13+5:302021-07-27T21:46:15+5:30
बसवराज बोम्मई के पक्ष में येदियुरप्पा के करीबी होने के साथ ही उनका लिंगायत समुदाय से आना भी रहा। वह अपने परिवार में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे शख्स हैं।
कर्नाटक की कमान अब बसवराज बोम्मई के हाथ में होगी। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई। बोम्मई का नाम बीएस येदियुरप्पा ने सुझाया और उसके बाद सभी भाजपा विधायकों ने उनके नाम का समर्थन किया। उनका राजनीतिक सफर जनता दल से शुरू हुआ था और उन्हें येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है। यही कारण है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री की कुर्सी उन्हें सौंपी गई है।
बसवराज बोम्मई के पक्ष में येदियुरप्पा के करीबी होने के साथ ही उनका लिंगायत समुदाय से आना भी रहा। वह अपने परिवार में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले दूसरे शख्स हैं। 28 जनवरी 1960 को जन्मे बोम्मई से बसवराज बोम्मई के पिता से पहले उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
बोम्मई ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और टाटा समूह से भी जुड़े। हालांकि पेशे से वह एक कृषक और उद्योगपति के रूप में जाना जाता है। वह दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रह चुके हैं। 1998 और 2004 में बोम्मई कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य रहे। 61 साल के बोम्मई कर्नाटक के हावेरी जिले की शिगगांव से तीन बार विधायक रह चुके हैं।
जनता दल यूनाइटेड के साथ उन्हें एचडी देवगौड़ा और रामकृष्ण हेगड़े जैसे बड़े नेताओं के साथ काम किया। हालांकि 2008 में उन्होंने जनता दल यूनाइटेड से विदा ली और भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं दिखा। 2008 में ही वह भाजपा की टिकट पर कर्नाटक विधानसभा पहुंचे।
येदियुरप्पा सरकार में बोम्मई गृह, कानून, संसदीय एवं विधायी कार्य जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इन मंत्रालयों में बोम्मई के कद का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। साथ ही उनकी छवि भी बेहद साफ सुथरी है। कई सिंचाई योजनाओं में उनके योगदान और कर्नाटक के सिंचाई मामलों की उन्हें गहरी जानकारी है।