बैलेट बुलेट से ज्यादा ताकतवर होता, आतंकवाद मानवता का दुश्मन: उपराष्ट्रपति नायडू
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 5, 2019 07:24 PM2019-10-05T19:24:33+5:302019-10-05T19:24:33+5:30
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ पर शनिवार को एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यौन उत्पीड़न की घटनाओं, महिला एवं बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर भी चिंता जतायी और उनकी हिफाजत के लिए कदम उठाने को कहा।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आतंकवाद को ‘‘मानवता का दुश्मन’’ बताते हुए देश की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही के खिलाफ आगाह किया।
नायडू ने ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ पर शनिवार को एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यौन उत्पीड़न की घटनाओं, महिला एवं बच्चों के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर भी चिंता जतायी और उनकी हिफाजत के लिए कदम उठाने को कहा।
देश के समक्ष आतंकवाद, उग्रवाद जैसी समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बैलेट (मत) बुलेट (गोली) से ज्यादा ताकतवर होता है। आतंकवाद की समस्या का सामना कर रहे देश में किसी भी प्रकार की कोताही के खिलाफ आगाह करते हुए नायडू ने इससे निपटने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की क्षमता में वृद्धि के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने का आह्वान किया।
Vice President Venkaiah Naidu on Police Reforms Day: SC has issued directions to insulate police from external influences.There should be autonomy coupled with accountability&transparency.When CM changes, there's a change of DGP.Why should it happen?There should be a fixed tenure pic.twitter.com/hiJ1OcuUET
— ANI (@ANI) October 5, 2019
इंडियन पुलिस फाउंडेशन, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंड डी) ने संयुक्त तौर पर संगोष्ठी का आयोजन किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिबद्ध पुलिसकर्मियों द्वारा स्थिर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने से देश की निरंतर आर्थिक प्रगति के लिए बुनियादी आधार तैयार होगा।
नायडू ने पुलिस और थाने को लोगों के अनुकूल बनाने तथा वहां आने वाले लोगों के विचारों-सुझावों पर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को थाने में जाने को ले कर कोई झिझक नहीं होनी चाहिए और पुलिसकर्मियों को भी उनकी शिकायतें सुलझाने में दक्ष होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर शिकायत दर्ज होनी चाहिए और उसकी छानबीन होनी चाहिए । उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम पिछले कई साल से थाने को लोगों के अनुकूल बनाने की बात कर रहे हैं। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ है। जब तक वरिष्ठ अधिकारी थाने में बदलाव का नेतृत्व नहीं करेंगे, मुझे नहीं लगता कि कुछ बदलेगा।’’
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन, जांच, सुरक्षा और सुरक्षा प्रबंधन के साथ ही नागरिक केंद्रित पुलिस व्यवस्था के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता के इस्तेमाल की अपार संभावना है। ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए नायडू ने पुलिस बल को वीआईपी सुरक्षा से निपटने और वीवीआईपी की आवाजाही के दौरान यातायात प्रबंध करने में नये तरीके से भी सोचने को कहा।