नई दिल्ली: यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से संघर्षरत पहलवानों के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया इस आंदोलन से पीछे हट गए हैं। हालांकि पहलवानों ने तुरंत ही इस खबर का खंडन किया।
अब बजरंग पूनिया ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग उनकी नौकरी के पीछे पड़े हैं। बजरंग पूनिया ने ट्वीट करके कहा, "हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गये हैं। हमारी ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ़ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएँगे। नौकरी का डर मत दिखाइए।"
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जारी लड़ाई से पीछे हटने की खबरों पर बजरंग ने कहा, आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफ़वाह हैं। ये खबरें हमें नुक़सान पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।
इससे पहले साक्षी मलिक ने भी खबरों पर स्पष्टीकरण दिया था। साक्षी ने कहा, "इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।"
मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि गृहमंत्री अमित शाह से तीन जून की रात को विनेश फोगाट, बजरंग और साक्षी ने मुलाकात की और उसके बाद से प्रदर्शन से हटने का फैसला किया। इसके बाद सबसे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी प्रदर्शन का हिस्सा रही ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के आंदोलन से पीछे हटने की खबरें सामने आई थीं।